महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी ज्यादा सरल एवं सुरक्षित

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : पुरुष नसबंदी के बाद किसी भी तरह की शारीरिक या यौन कमजोरी नहीं आती है। यह पूरी तरह सुरक्षित और आसान है। लेकिन अधिकांश पुरुष- अभी भी इसे अपनाने में हिचक रहे हैं क्योंकि कहीं ना कहीं समुदाय में अभी भी पुरुष नसबंदी से संबंधित जानकारी का अभाव है। उक्त बातें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विजय कुमार सिंह ने कही।

उन्होंने कहा कि महिलाओं में नसबंदी की प्रक्रिया पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा जटिल होती है। इसके अलावा पुरुष नसबंदी से न तो शारीरिक कम•ाोरी आती है और न ही संक्रमण का डर रहता है। इसके लिए बहुत सामान्य सा आपरेशन है जिसमें आधे घंटे से भी कम का समय लगता है। यहा तक कि लाभार्थी को अस्पताल में रहने की जरूरत भी नहीं पड़ती तथा वह आपरेशन के आधे घंटे के बाद अपने घऱ भी जा सकते हैं। उनमें किसी भी प्रकार के शारीरिक बदलाव या दिनचर्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और न ही नसबंदी से भविष्य में किसी तरह की स्वास्थ्यजनित समस्या होती है। पुरुष नसबंदी को लेकर पुरुषों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है और यह समझना है कि परिवार नियोजन अकेले पत्नी की जिम्मेदारी नहीं है।

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पुरुष नसबंदी के लिए योग्यता
पुरुष नसबंदी परिवार नियोजन के लिए पुरुषों द्वारा अपनाया जाने वाला एकमात्र स्थायी साधन है। इसलिए यह जरूरी है कि नसबंदी के समय लाभार्थी की उम्र 22 वर्ष से कम या 60 वर्ष से ज्यादा नहीं हो। लाभार्थी शादीशुदा हो। लाभार्थी कम से कम एक बच्चे का पिता हो और मानसिक रूप से स्वस्थ हो।
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लाभार्थी एवं प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि
नालंदा जिले में पुरुष नसबंदी की स्थिति में सुधार लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सघन प्रयास कर रहा है। यहां तक कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को नसबंदी कराने के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को भी ज्यादा रखा गया है। नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए दिया जाता है। जबकि महिला नसबंदी के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए दिया जाता है।
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नसबंदी के बाद रखें इन बातों का ख्याल
- पुरुष नसबंदी के शुरूआती 3 महीने तक गर्भनिरोधक साधन का इस्तेमाल जरूर करें । -
- 3 महीने तक असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें
- यौन संक्रमण एवं एचआईवी-एड्स जैसे रोगों से बचने के लिए नसबंदी के बाद भी कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें
- नसबंदी कराने के बाद इसे पुन: सामान्य नहीं किया जा सकता, इसलिए खूब सोच-विचार कर तय करने के बाद ही नसबंदी कराएं ।

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