स्कूल में साफ-सफाई के लिए जिम्मेदार होंगे प्रधानाध्यापक

संसू, नवहट्टा (सहरसा)। प्राथमिक तथा मध्य विद्यालयों में स्वच्छता मापदंड के अनुपालन पर बल दिया गया है। शौचालय की साफ-सफाई बेहतर ढंग से रखने के साथ ही बच्चों को पीने के लिए पेयजल स्रोत व्यवस्थित रखने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक (एचएम) की तय की गई है। जांच के दौरान शौचालय में गंदगी पाई गई या पेयजल की सुविधा नहीं मिली तो संबंधित एचएम को जिम्मेदार मान कर कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इसको लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है। विद्यालय के रख-रखाव के लिए समग्र विद्यालय अनुदान की राशि जारी की जाती है। फिर भी निरीक्षण के दौरान स्कूलों के शौचालय में गंदगी पाई जाती है। इसको लेकर विभाग काफी चितित है। उन्होंने कहा है कि यह काफी चितनीय है कि स्कूलों में शौचालय तथा पेयजल के स्त्रोत बेहतर नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि स्वच्छता के लिए दी गई अनुदानित राशि का उपयोग स्कूलों में नहीं हो रहा है। सरकार द्वारा निश्चित प्रावधान के तहत स्वच्छता पर भी काम करना आवश्यक है। उस राशि का प्रविधान के मुताबिक स्वच्छता पर खर्च करना है, ताकि शौचालय स्वच्छ रहे तथा बच्चों को शुद्ध पेयजल मिल सके। स्वच्छता पर राशि खर्च करने के बाद ही स्कूलों के भवन की रंगाई पुताई करनी है। यह आदेश प्राइमरी मिडिल तथा हाई स्कूल तक के स्कूलों को दिया गया है। अपर मुख्य सचिव ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश देने के साथ ही इसकी सूचना समग्र शिक्षा के डीपीओ को भी दी है।

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सफाई कर्मी नहीं होने से होती है कठिनाई
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सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालय में साफ-सफाई के लिए कर्मी का नहीं होना स्वच्छता की राह को कठिन कर देता है। अधिकतर स्कूलों में बच्चों से साफ-सफाई कराई जाती है। किसी खास अवसर पर ही शौचालय की सफाई हेडमास्टर द्वारा बाहर के सफाई कर्मियों को बुलाकर कराई जाती है। प्रधानाध्यापक शौचालय एवं पेयजल स्त्रोत के आसपास फैली गंदगी की सफाई को आवश्यक नहीं समझते हैं। यही वजह है कि अधिकतर स्कूलों में शौचालय गंदा रहता है।
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शौचालय एवं मूत्रालय में लगा रहता है ताला
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शिक्षा विभाग, पीएचईडी, पंचायती राज संस्थाओं के जरिये कई विद्यालय में शौचालय का निर्माण किया गया । इन शौचालयों के उपयोग का अधिकार केवल शिक्षकों का है। शौचालय में ताला जड़ा रहता है जिसकी चाबी एचएम के पास होती है। वे चाभी केवल शिक्षकों को ही देते हैं। बच्चों के लिए इसका उपयोग वर्जित रहता है। -----
कोट स्कूल में साफ-सफाई का निर्देश जारी किया गया है। त्रुटि पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। धनंजय कुमार झा
बीआरपी
नवहट्टा

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