खेतों में धान के बिचड़ा पर सूखे की मार, किसान हो रहे हताश



संवाद सहयोगी, लखीसराय : जिले की प्रमुख फसल धान है। धान की फसल पर ही अधिकांश किसान आश्रित हैं। चालू खरीफ मौसम में विगत दस दिन पूर्व तक इंद्रदेव की मेहरबानी से जिले के किसानों ने लक्ष्य के अनुरूप धान के बिचड़ा की बोआई कर ली। अब इंद्रदेव पुन: नाराज हो गए हैं और सूर्यदेव आग उगलने लगे हैं। इससे खेतों में लगे धान के बिचड़े मुरझाने लगा है। बिजली या डीजल पंप सेट से पटवन कर धान के बिचड़ा को बचाने में किसानों का पसीना छूट रहा है। अगर यही स्थिति रही तो जिले में धान की फसल को काफी नुकसान होगा।जिले में सुखाड़ की काली साया मंडराने लगी है। इससे जिले में धान की उपज होने की उम्मीद क्षीण पड़ने लगी है। कृषि विभाग ने जिले में 37 हजार 739 हेक्टेयर जमीन में धान की फसल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसको लेकर तीन हजार 773.90 हेक्टेयर जमीन में धान के बिचड़ा की बोआई की जानी है। अबतक 3,629.2 हेक्टेयर जमीन में धान के बिचड़ा की बोआई की जा चुकी है। परंतु पानी के अभाव में धन का बिचड़ा मुरझाने लगा है।

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प्रखंडवार धान की फसल व बिचड़ा की बोआई का लक्ष्य व उपलब्धि
लखीसराय प्रखंड
: धान की फसल लगाने का लक्ष्य - 5,892 हेक्टेयर, बिचड़ा बोआई का लक्ष्य - 589.20 हेक्टेयर,
अबतक बोया गया धान का बिचड़ा - 576.7 हेक्टेयर
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बड़हिया प्रखंड
: धान की फसल लगाने का लक्ष्य - 565 हेक्टेयर, बिचड़ा बोआई का लक्ष्य - 56.50 हेक्टेयर
अबतक बोया गया धान का बिचड़ा - 54.5 हेक्टेयर
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सूर्यगढ़ा प्रखंड
: धान की फसल लगाने का लक्ष्य - 10,084 हेक्टेयर, बिचड़ा बोआई का लक्ष्य - 1,008.40 हेक्टेयर,
अबतक बोया गया धान का बिचड़ा - 1,007.2 हेक्टेयर
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चानन प्रखंड
: धान की फसल लगाने का लक्ष्य - 5,026 हेक्टेयर, बिचड़ा बोआई का लक्ष्य - 502.60 हेक्टेयर,
अबतक बोया गया धान का बिचड़ा - 400.7 हेक्टेयर
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हलसी प्रखंड
: धान की फसल लगाने का लक्ष्य - 7,690 हेक्टेयर, बिचड़ा बोआई का लक्ष्य - 769 हेक्टेयर,
अबतक बोया गया धान का बिचड़ा - 725 हेक्टेयर
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पिपरिया प्रखंड
: धान की फसल लगाने का लक्ष्य - 513 हेक्टेयर, बिचड़ा बोआई का लक्ष्य - 51.30 हेक्टेयर,
अबतक बोया गया धान का बिचड़ा - 49 हेक्टेयर
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रामगढ़ चौक प्रखंड
: धान की फसल लगाने का लक्ष्य - 7,969 हेक्टेयर
धान के बिचड़ा बोआई का लक्ष्य - 796.90 हेक्टेयर
अबतक बोया गया धान का बिचड़ा - 791 हेक्टेयर
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कोट
जिले में सामान्य से काफी कम वर्षा हुई है। किसान पटवन कर धान के बिचड़ा को सूखने से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पर, यह काफी नहीं है। अगर यही स्थिति रही तो जिले में धान की उपज प्रभावित होगी। सुखाड़ को ध्यान में रखकर जिले में वैकल्पिक फसल लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
राजीव कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, लखीसराय।

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