बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता नियमित टीकाकरण

संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिले में नियमित टीकाकरण को सु²ढ़ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तत्पर है। इसके लिए जिले सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह जानकारी सोमवार को सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने दी।

उन्होंने बताया कि नियमित गर्भवती महिलाओं से आरंभ होकर नवजात शिशुओं को पांच वर्षो तक नियमित रूप से दिये जाते है। नियमित रूप से दिया जाने वाला टीकाकरण शिशुओं को कई प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाता है। शिशुओं को दिया जाने वाला टीका शिशुओं को कई अन्य तरह की गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित और मजबूती प्रदान करता है।
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जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्य के लिए दक्ष होना अतिआवश्यक है। क्योंकि इन टीकों को देने की प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है। बचपन में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए सबसे बेहतर उपाय टीकाकरण है। इससे धन, ऊर्जा एवं जीवन की बचत होती और शिशु मृत्यु दर में कमी आता है।
वहीं जन्म होते ही ओरल पोलियो, हेपेटाइटिस बी, बीसीजी के टीके दिए जाते हैं। जबकि डेढ़ महीने बाद ओरल पोलियो 1, पेंटावेलेंट 1, एफआइपीवी 1, पीसीवी1, रोटा 1 की ़खुरा़क दी जाती है। इसी तरह ढाई महीने बाद ओरल पोलियो 2, पेंटावेलेंट 2, रोटा 2 और साढ़े तीन महीने बाद ओरल पोलियो 3, पेंटावेलेंट 3, एफआइपीवी 2, रोटा 3, पीसीवी 2 इसके अलावा नौ से 12 माह के अंदर मिजल्स 1, मिजल्स रुबेला 1, जेई 1, पीसीवी-बूस्टर, विटामिन ए की टीके लगाए जाते हैं।

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