एमआइएस इंट्री में लापरवाही को लेकर नाराज दिखे डीडीसी, दिए सख्त निर्देश

जागरण संवाददाता, खगड़िया : डीडीसी संतोष कुमार ने अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में जल जीवन हरियाली योजना के साथ पौधारोपण कार्य की समीक्षा की। इस दौरान डीडीसी ने अधिकारियों व कर्मियों को कई आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में सभी सीओ, मनरेगा पीओ, राजस्व कर्मचारी, सहित अन्य संबंधित कर्मी शामिल हुए। डीडीसी ने सार्वजनिक जल संरक्षण कार्य पर चर्चा करते हुए ऐसे जगहों को चिह्नित कर अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश गोगरी, खगड़िया एवं परबत्ता सीओ को दिया। शेष बचे हुए जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराने और इसकी एंट्री एमआइएस पर कराने को कहा गया। उन्होंने कहा कि शेष अंचलों में चिन्हित सार्वजनिक जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है।


एमआइएस पर डाटा इंट्री को लेकर जताई नाराजगी

सार्वजनिक तालाब व पोखर के जीर्णोद्धार कार्य के संबंध में एमआइएस पर मात्र चार एंट्री को लेकर डीडीसी ने नाराजगी जताते हुए सभी मनरेगा पीओ को निर्देश दिया कि अविलंब लक्ष्य के अनुरूप योजनाओं की एमआइएस पर एंट्री कराते हुए कार्य प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि 18 अमृत सरोवरों पर काम जारी है। इसकी इंट्री कराने पर एमआइएस पोर्टल पर प्रगति दिखेगी। उन्होंने कहा कि पांच एकड़ तक के धार पर भी काम कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जितने तालाबों पर काम जारी है उसकी एंट्री एमआइएस पोर्टल पर कराएं। कार्य में नहीं दिखी प्रगति तो होगा वेतन बंद

जल जीवन हरियाली योजना अंतर्गत छोटे तालाब व जलाशय को चयनित करने का निर्देश दिया गया। क्योंकि कम लागत की छोटी योजनाओं को लेकर काम पूर्ण करने पर जिले की उपलब्धि में वृद्धि आएगी। उन्होंने सभी मनरेगा पीओ को क्षेत्र में घूमकर जल संरचनाओं को देखने का निर्देश दिया और कहा कि गैर मजरुआ आम और खास जमीन पर स्थित तालाब को चयनित करना है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी संबंधित पदाधिकारी जल जीवन हरियाली में प्रगति नहीं करेंगे उनका वेतन बंद करने अथवा वेतन में कटौती का प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रोग्रामर से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश

पंचायती राज विभाग द्वारा कुओं के जीर्णोद्धार कार्य योजना की समीक्षा में 514 लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 128 योजना ली गई थी। इस प्रकार 388 का गैप दिखा। जिसे लेकर डीडीसी ने पंचायती राज कार्यालय के प्रोग्रामर से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया। पंचायती राज विभाग द्वारा 126 योजनाओं में से 44 की ही एंट्री एमआइएस पर की गई है। जबकि पीएचइडी द्वारा शत प्रतिशत 129, खगड़िया नगर परिषद द्वारा शत प्रतिशत 111 एवं गोगरी जमालपुर नगर परिषद द्वारा 25 योजनाओं की एंट्री की गई है। कुआं किनारे सोख्ता निर्माण में भी पंचायती राज विभाग द्वारा कुल लक्ष्य 646 के विरुद्ध मात्र 38 योजनाओं की प्रविष्टि एमआइएस पर दिखी। 1548 योजना के विरुद्ध लिए गए 638 योजना

सार्वजनिक चापाकल के किनारे सोख्ता निर्माण में मनरेगा द्वारा लक्ष्य 1548 सोख्ता निर्माण का था। जिसके विरुद्ध मात्र 638 योजनाओं को ही लिया गया। धीमी प्रगति पर डीडीसी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए मनरेगा पीओ को निर्देश दिया गया कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से सार्वजनिक चापाकलों की सूची लेकर सोख्ता निर्माण के लक्ष्य को अविलंब पूरा करें। नए जल स्त्रोतों के सृजन के संबंध में मनरेगा द्वारा निजी जमीन पर खेतपोखरी के निर्माण हेतु ली गई 60 योजनाओं में से मात्र 30 की प्रविष्टि एमआइएस पर की गई थी। वर्षा जल संचयन पर जोर

डीडीसी ने वर्षा जल संचयन कार्य की भी समीक्षा की। भवनों के छत पर वर्षा जल संचयन के संबंध में मनरेगा द्वारा ली गई 31 योजनाओं में से 25 की एंट्री कराई गई है, शिक्षा विभाग द्वारा 78 में से 78 की एंट्री करा दी गई है। जबकि भवन निर्माण विभाग द्वारा 83 में से 76 की एंट्री एमआइएस पर कराई गई है। विभिन्न विभागों द्वारा वर्षा जल संचयन के लिए भौतिक रूप से ली गई 171 योजनाओं में से 163 का कार्य पूर्ण करते हुए एंट्री एमआइएस पर करा दी गई है। जो लक्ष्य का 95 प्रतिशत है।
चयनित योजनाओं को करें पूर्ण

सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन देने एवं ऊर्जा की बचत हेतु विद्युत प्रमंडल द्वारा ली गई 28 में से 28 योजनाओं की प्रविष्टि एमआइएस पर की गई है, लेकिन कार्य पूर्णता की स्थिति शून्य है। उप विकास आयुक्त ने ब्रेडा के अभियंता को विद्युत विभाग से संपर्क कर सभी चयनित योजनाओं का कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।
डीडीसी ने निर्देश दिया कि हर हाल में कार्य पूर्णता पर ध्यान केंद्रित करना है। जिन पंचायतों में योजनाओं के कार्य पूर्णता की स्थिति शुरू से ही खराब है, उन पर विशेष ध्यान देना है। कार्य में लापरवाही बरतने वाले कार्रवाई की जद में आ जाएंगे।

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