सावन में बाबा फुलेश्वरनाथ मंदिर में उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़

संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया) : पवित्र सावन माह अब शुरू होने वाला है। शिव भक्तों में सावन को लेकर उल्लास है। कोई वैद्यनाथधाम की तैयारी कर रहे हैं, तो कोई अगुवानी गंगा घाट से जल भरकर बाबा फुलेश्वरनाथ मंदिर जाने की तैयारी कर रहे हैं। चहल पहल तेज है। खगड़िया जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर पनसलवा-बोबिल पीडब्ल्यूडी पथ के किनारे बाबा फुलेश्वरनाथ मंदिर स्थित है। इस शिव मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक है। सावन में यहां महादेव की पूजा-अर्चना को लेकर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। बाबा फुलेश्वरनाथ मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़े रहने का दावा किया जाता है। सावन माह में मंदिर में जलाभिषेक व पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। खासकर सावन की सोमवारी के दिन बड़ी संख्या में डाक बम का जत्था भी यहां पहुंचता है। वे उत्तरवाहिनी अगुवानी गंगा घाट से जल भरकर पांव पैदल रातो-रात 75 किलोमीटर की दूरी तय कर फुलेश्वर नाथ मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं। जनश्रुति के मुताबिक अज्ञातवास के दौरान पांडव इस रास्ते से द्रोपदी को लेकर राजा विराट के यहां विराटपुर जा रहे थे। विराटपुर जाने के क्रम में पांडव रात्रि विश्राम के लिए फुलेश्वरनाथ मंदिर में ठहरे। पूजा अर्चना की। पांडवों ने पूजा अर्चना के बाद पांच पौधे मंदिर परिसर में लगाए। जिसे पांडू वृक्ष के नाम से जाना जाता है। इस वृक्ष की खासियत है कि इसमें ना तो वृद्धि होती है और ना ही सूखती है। वृक्षों में बरगद, पीपल, बेल आदि शामिल हैं। ग्रामीणों के सहयोग से 1982 ईस्वी में भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। कोरोना के कारण दो वर्ष से सावन में यहां श्रद्धालु नहीं आ रहे थे। लेकिन इस सावन श्रद्धालुओं की भीड़ जुटेगी।


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