निबंधन की सूची पर रोक से लोगों में भ्रम की स्थिति

जागरण संवाददाता शेखपुरा

जिले में मकान-दुकान की खरीद-बिक्री पर लगी रोक से आम लोग असमंजस में है और भ्रमित हैं। सूची को सार्वजनिक नहीं करने से कई लोग संपत्ति का सौदा करके फंस रहे हैं। इस मामले में प्रशासन और निबंधन कार्यालय के रुख पर कड़ी आपत्ति जाहीर करते हुए वसीका नवीस संघ के सचिव बालकृष्ण प्रसाद ने बताया कि समूचे बिहार का यह अनूठा और इकलौता मामला है। इससे हजारों लोगों का हित प्रभावित हो रहा है। इधर, जिला अवर निबंधन पदाधिकारी स्वीटी सुमन ने इस मामले में स्वयं को पूरी तरह से अलग करते हुए कहा कि इस मामले में निबंधन कार्यालय की कोई भूमिका नहीं है। अंचलों से जो रोक सूची मिली है उसके अलग के जमीन-मकान का निबंधन बिना किसी रोक-टोक के चल रहा है। यह पिछले तीन महीने से चल रहा है। इधर जिले में सर्व खतियान आदि के जानकार लोगों ने जिला प्रशासन की इस रोक सूची पर आपत्ति जताते हुए इसे बिना सोचे-समझे कार्रवाई बताया है। लोगों ने बताया 1903 में समूचे देश में सर्वे हुआ था तथा 1907 में खतियान बनाया गया। जिस तरह की कार्रवाई शेखपुरा में हुई है, उससे से तो यह समूचे देश में लागू होना चाहिए। सीपीआई माले के जिला सचिव विजय कुमार ने बताया जिले में इस कार्रवाई और रोक सूची एक खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका की तैयारी शुरू कर दी गई है।

राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ ने किया कार्यक्रम जा सं शेखपुरा आपदा के दौरान राहत और बचाव के लिए सोमवार को एनडीआरएफ ने कलेक्ट्रेट के मंथन सभागार में एक कार्यक्रम किया। सहायक कमांडेंट जयप्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में एनडीआरएफ ने भूकंप के दौरान राहत और बचाव का के प्रशिक्षण का सांकेतिक प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम में डीएम, एसपी, एडीएम तथा आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी शामिल हुए। आज मंगलवार को कई और कार्यक्रम होगा।

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