जनसंख्या नियंत्रण को ले जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

फोटो फाइल नंबर-11 एसयूपी-15

----------------------------------------------------- जागरण संवाददाता, सुपौल: देश में विकराल रूप धारण करते जा रहे जनसंख्या वृद्वि एवं जनसांख्यिकीय असंतुलन से उत्पन्न हो रहे सामाजिक आर्थिक और पर्यावरणीय संकट को रोकने हेतु देश में एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग को लेकर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की जिला इकाई द्वारा प्रधानमंत्री के नाम 11 सूत्री ज्ञापन जिलाधिकारी को सोमवार को सौंपा। ज्ञापन सौंपने के पश्चात फाउंडेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार, प्रदेश सचिव संजीव भगत, जिला संरक्षक सुरेश यादव सुमन एवं सुमन चंद तथा जिला अध्यक्ष सुमन झा ने सयुंक्त रूप से बताया कि सौंपे गए ज्ञापन में जनसंख्या नियंत्रण कानून को शीघ्र बनाकर जाति-धर्म से उपर उठकर देश के हित में समान रूप से लागू करने, कानून के सभी दंडात्मक प्रावधानों को अधिसूचित तिथि के एक वर्ष के भीतर तीसरा बच्चा पैदा करने वाले माता-पिता पर लागू करने के साथ-साथ तीसरे संतान पैदा करने वाले दंपति को सभी सरकारी अनुदान, सब्सिडी आदि के अलावा राजकीय सेवा से भी वंचित करने की मांग की गई है। कानून तोड़कर तीसरा संतान पैदा करने वाले माता-पिता को मताधिकार से भी वंचित किया जाए। इसके अलावा कानून के एक बार उल्लंघन के बाद दुबारा उल्लंघन कर चौथी संतान पैदा करने की स्थिति में दस वर्ष कारावास की सजा मिले। जाति-धर्म से ऊपर उठकर यह प्रावधान रहे कि दो जीवित संतान होने की स्थिति में तलाक होने पर स्त्री या पुरुष कोई भी दूसरी शादी के बाद संतान पैदा करने के अधिकार से वंचित किया जाए। फाउंडेशन के नेताओं ने कहा कि असंतुलित हो रही जनसंख्या से आज अनेकों गंभीर समस्या उत्पन्न हो चुकी है। इसके विस्फोटक स्वरूप को रोकना नितांत ही आवश्यक है। अगर आवश्यक हो तो इसको लागू करने में संविधान में उपयुक्त संशोधन किए जाए। एक कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किये बिना स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, साक्षर भारत, सशक्त,समृद्ध सुरक्षित और स्वावलंबी भारत के साथ-साथ भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त भारत एवं आत्मनिर्भर भारत का निर्माण मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इस मौके पर शिवजी कुमार, आदित्य कौशिक, नवीन कुमार, आलोक कुमार, रंजीत झा, बसंत कुमार सहित फाउंडेशन के अनेकों सदस्य मौजूद थे।

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