दिव्यांग का यूडीआइडी कार्ड के लिए नहीं होगा भौतिक सत्यापन

नवहट्टा (सहरसा) : बिना भौतिक सत्यापन के दिव्यांगों का यूडीआइडी कार्ड अब आसानी से बन सकेगा। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने इस बात सिविल सर्जन को पत्र जारी किया है।

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दिव्यांगों के लिए एकल दस्तावेज है यूडीआइडी
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यूडीआइडी को दिव्यांग के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए एकल दस्तावेज के रूप में मान्यता प्राप्त है। दिव्यांगों के द्वारा यूडीआइडी पोर्टल पर यूडीआइडी कार्ड के लिए आवेदन रजिस्ट्रेशन करने के बाद जिला मुख्यालय स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाता था। इसके बाद ही संबंधित दस्तावेज और दिव्यांगता प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड होता था। कार्यपालक निदेशक द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि वर्तमान में सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया ससमय संपादित नहीं की जा रही थी जिससे दिव्यांग को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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एमआइएस पोर्टल किया गया विकसित
दिव्यांगों को विशिष्ट पहचान पत्र यूडीआइडी कार्ड बनाने एवं डाटा बेस तैयार करने के उद्देश्य से यूडीआइडी परियोजना का क्रियान्वयन दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार एवं बिहार सरकार के द्वारा किया जाता है। सरकार के द्वारा दिव्यांगों का यूडीआइडी कार्ड बनाने के लिए स्वास्थ्य निदेशालय के स्तर पर एमआईएस पोर्टल विकसित किया गया है।
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भौतिक सत्यापन के लिए नहीं जाना होगा सिविल सर्जन कार्यालय
राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित चिकित्सकीय प्राधिकार के द्वारा निर्गत दिव्यांगता प्रमाण पत्र ही यूडीआइडी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। बावजूद सभी जिला के सिविल सर्जन कार्यालय के द्वारा यूडीआइडी कार्ड बनाने के लिए दिव्यांगों को अनुरोध पत्र के माध्यम से उन्हें भौतिक सत्यापन के लिए कार्यालय बुलाया जाता है।
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कोट
बिना भौतिक सत्यापन के यूडीआइडी कार्ड मिलने से दिव्यांगों को परेशानी से निजात मिलेगी। वहीं यूडीआइडी कार्ड उपलब्ध कराने में यह कारगर पहल साबित होगी।
अजय गिरी, प्रखंड साधनसेवी, दिव्यांग सशक्तिकरण, नवहट्टा

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