हरसिद्धि बाजार में भी 120 घरों व दुकानों पर चला था बुलडोजर

मोतिहारी । पूर्वी चंपारण अतिक्रमण हटाने की दिशा में प्रशासन गंभीर दिख रहा है। उच्च न्यायालय के आदेश पर जिले के विभिन्न हिस्सों में सरकारी जमीन पर अवैध ढंग से कब्जा जमाए लोगों को बलपूर्वक हटाया जा रहा है। इस कड़ी में मई महीने में हरसिद्धि बाजार में प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर करीब 120 घरों व दुकानों को ध्वस्त कर दिया था। अरेराज एसडीएम संजीव कुमार के निर्देश पर हरसिद्धि के अंचलाधिकारी चंद्रशेखर तिवारी ने पुलिस बल व जेसीबी के साथ इस कार्रवाई को अंजाम दिया था। गौरतलब हो कि हरसिद्धि बाजार में कई सरकारी भूखंडों पर अवैध ढंग से अतिक्रमण कर लिया गया था। तब एसडीएम के निर्देश पर प्रखंड कार्यालय से लेकर हरसिद्धि बाजार के अंतिम छोर तक सड़क किनारें बने घरों व दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को मुक्त कराया गया। विदित हो कि इसी अतिक्रमण को हटवाने के लिए प्रयासरत विपिन अग्रवाल के घर में अतिक्रमणकारियों ने लूटपाट की थी। बाद में प्रखंड कार्यालय के समक्ष उनकी गोली मार हत्या भी कर दी गई थी।


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मीनाबाजार में अवैध रूप से कायम 15 लोगों का अबतक नहीं हट सका कब्जा
पीपराकोठी, संस : मीना बाजार में अतिक्रमण की शिकायत और जांच के बाद वर्ष 2014 में चिह्नित किए गए 15 अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ राज्य सरकार के राजस्व सचिव के आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। राज्य के राजस्व सचिव उमेश सिंह ने तत्कालीन जिलाधिकारी को पत्र भेजकर बाजार की भूमि पर बने मकानों को तोडऩे का आदेश दिया था, परन्तु कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर वीरछपरा के तत्कालीन उपमुखिया लालबाबू पासवान, सज्जाद हुसैन,यमुना राय, सुनील कुमार, शंकर महतो, अब्बास अंसारी सहित दो दर्जन लोगों ने डीएम को आवेदन देकर अतिक्रमित भूमि की जांच की मांग की थी। डीएम के आदेश पर तत्कालीन सीओ भवेश कुमार झा ने अमीन वैद्यनाथ महतो को पैमाइश कर जांच रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। जांच में तेरह लोगों द्वारा 59 डिसमिल भूमि अवैध रूप से कब्जा किया हुआ पाया गया। अमीन ने अपनी जांच रिपोर्ट 17 अक्टूबर 2006 को ही सौंप दी। मगर उस संचिका को ही दबा दिया गया है।

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