जानकीनगर एपीएचसी को कब मिलेगा सीएचसी का दर्जा

संस, जानकीनगर (पूर्णिया) : जन- जन को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाने का भले ही ढिढोरा पीटा जा रहा है लेकिन सच्चाई यही है कि नगर पंचायत जानकीनगर स्थित एपीएचसी संसाधनों और सुविधाओं का दंश झेल रहा है।

सीमित संसाधनों के बीच जानकीनगर नगर पंचायत में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की उम्मीद करना बेमानी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की इन समस्याओं का खामियाजा यहां के गरीब गुरबे मरीजों को झेलना पड़ता है। जानकीनगर एपीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिणत करने की मांग वर्षों से उठती रही है, लेकिन अब-तक इस दिशा में कोई भी सकारात्मक प्रयास नहीं किया जा सका है।

स्वास्थ्य सेवा के मामले में यह इलाका काफी पिछड़ा हुआ है। यहां स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए राजनेताओं की ओर से अक्सर आश्वासन मिलता रहा है। लोगों का कहना है कि चुनाव के समय नेताओं के द्वारा यहां की स्वास्थ्य सेवा को सु²ढ़ कर आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं से लैस किये जाने की बातें होती हैं लेकिन चुनाव बीतते ही नेताजी सब-कुछ भूल जाते हैं। फलस्वरूप जैसे-तैसे एपीएचसी संचालित हो रहे हैं। इस एपीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा देने की मांग काफी पुरानी है। नगर पंचायत जानकीनगर व आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि किसी तरह एपीएचसी अपना अस्तित्व बचाए हुए हैं।इसे बेहतर स्वास्थ्य केंद्र में तब्दील करने के तरफ सरकार का तनिक भी ध्यान नहीं है। जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने कहा कि जिला व अनुमंडल मुख्यालय में थोड़ी चमक-दमक जरूर नजर आती है, मगर विडंबना है कि इस एपीएचसी की स्थिति जस की तब बनी हुई है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लोग रोना रो रहे हैं। कुल मिलाकर यहां स्वास्थ्य सुविधाएं महज औपचारिकता बन कर रह गई है। यहां का एपीएचसी आयुष चिकित्सक के भरोसे है। अनुमंडल मुख्यालय बनमनखी में अनुमंडल स्तरीय अस्पताल तो है , लेकिन जानकीनगर नगर पंचायत स्थित एपीएचसी में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का घोर अभाव है। लोगों का कहना है कि अगर यह स्थिति यहां की है तो आसपास के दर्जनों गांवों में लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के पिछड़ेपन का दंश झेलने को मजबूर हैं। गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को इलाज के लिए मधेपुरा,या फिर जिला मुख्यालय पूर्णिया लेकर जाते हैं। अलग अलग गांवों के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने जानकारी दी कि गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नही हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित विभिन्न क्षेत्रों के गरीब , लाचार एवं अशिक्षित लोग तंत्र मंत्र एवं नीम हकीम के चक्कर में फंसकर आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। जानकारी दी गई कि हर बार विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में एपीएचसी जानकीनगर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिणत करने का मुद्दा जोर-शोर से उठा है, लेकिन चुनावी शोर थमते ही यह नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह गई। जरूरत महसूस कर लोगों ने एकबार पुन: एपीएचसी जानकीनगर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदलने की मांग की है।

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