तैयारियां पूरी, सावन महीने में हर-हर महादेव से गूंजेंगे शिवालय

गोपालगंज : गुरुवार से प्रारंभ हो रहे सावन महीने की शुरुआत को देखते हुए तमाम शिवालय सजधज कर तैयार हो गए हैं। गुरुवार को तड़के से ही मंदिरों में जलाभिषेक को भक्तों की भीड़ जमा होगी। सावन महीने की शुरुआत को देखते हुए बुधवार को पूरे दिन मंदिरों को सजाने संवारने का काम चलता रहा।

सावन महीने के दौरान भगवान शंकर की पूजा अर्चना का अलग महत्व है। इस दौरान प्रत्येक दिन शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ जमा होती है। गुरुवार को पवित्र सावन माह का पहला दिन होने के कारण शहर के तमाम शिव मंदिरों के साथ ही दूर दराज के मंदिरों में भी पूजा अर्चना के साथ ही मंदिरों की साफ सफाई में लोग लगे रहे। शहर के सिनेमा रोड स्थित शिव मंदिर की सफाई का कार्य पूरे दिन चला। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी मंदिरों को सजाने व संवारने का सिलसिला चलता रहा। सावन माह को देखते हुए भक्तों का दल बुधवार को जिले के कई इलाकों से देवघर में जलाभिषेक को रवाना हुआ। प्रशासनिक स्तर पर सावन महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने को देखते हुए तमाम थानों को चौकस रहने का आदेश जारी किया है। ताकि पूजा अर्चना के दौरान किसी भी तरह की समस्या न हो।

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सावन महीने में पड़ेंगे चार सोमवार
सावन महीने में इस बार चार सोमवार व पांच शुक्रवार पड़ेंगे। जिसमें पहली सोमवारी 18 जुलाई, दूसरी सोमवारी 25 जुलाई, तीसरी सोमवारी एक अगस्त और चौथी सोमवारी आठ अगस्त को पड़ेगी। सोमवारी पूजन को लेकर जिले के शहरी व ग्रामीण इलाके में स्थित शिव मंदिरों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ेगा।
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पांडवों के साथ जलाभिषेक को आते थे गुरु द्रोणाचार्य
संवाद सहयोगी, हथुआ (गोपालगंज) : सावन महीने को देखते हुए हथुआ के प्रसिद्ध बउरहवा शिवमंदिर में जलाभिषेक करने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला गुरुवार से प्रारंभ होगा। यहां जिले के विभिन्न हिस्सों के अलावा पड़ोसी जिला सिवान से लेकर सीमावर्ती उत्तर प्रदेश से कावंरिया बउरहवा शिवमंदिर में जलाभिषेक करने को पहुंचते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि महाभारत काल से जुड़े इस प्रसिद्ध शिवमंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर जलाभिषेक करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हथुआ से आधा किलोमीटर पश्चिम मछागर पंचायत में स्थित बउरहवा शिवालय आज भी श्रद्धालुओं के लिए अपना विशेष स्थान रखता है। इस मंदिर का इतिहास गुरु द्रोणाचार्य से जुड़ा है। किवदंती के अनुसार द्वापर युग में गुरु द्रोणाचार्य सिवान के दरौली के दोन आश्रम में अपने पाण्डव शिष्यों के साथ रहते थे। दरौली के दोन आश्रम से गुरु द्रोणाचार्य पाण्डवों के साथ प्रत्येक सोमवार को बउरहवा मंदिर आकर जलाभिषेक करते थे।

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