ऋणधारकों की जमा राशि का बैंक ने किया गोलमाल

संसू, सत्तरकटैया ( सहरसा ): उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक सत्तर शाखा के ऋणधारकों द्वारा जमा किए गए बकाया ऋण राशि के गोलमाल का मामला प्रकाश में आया है। इसकी जानकारी तब हुई जब बकाया ऋण राशि जमा करने के लिए बैंक द्वारा लाभुकों को नोटिस भेजी गई।

नोटिस मिलने के बाद पटोरी के चार लाभुक बैंक के शाखा कार्यालय पहुंचकर जमा राशि की पर्ची दिखाते हुए बकाया राशि जमा करने का दावा किया। मगर ऋण खाते में राशि जमा नहीं होने की बातें कहते हुए बकाया राशि हर हाल में जमा करने का निर्देश बैंक द्वारा दिया गया है।

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क्या कहते हैं लाभुक
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पटोरी के सीताराम ठाकुर एवं शिवशंकर ठाकुर के अनुसार वर्ष 2010 में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक सत्तर शाखा से 25-25 हजार ऋण लिया गया था जिसमें सुविधा अनुसार राशि जमा भी किया गया।
वर्ष 2019 में ऋण वसूली के लिए सत्तर शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक हरेराम साफी एवं स्थानीय बीसी मेरे दुकान पर आए और ओटीएस के तहत तीन माह के अंदर बकाया ऋण राशि जमा करने का निर्देश दिया गया। समय सीमा के अंदर ऋण वसूली करने आए तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं बीसी को अलग-अलग तिथि में बकाया राशि देकर जमा पर्ची प्राप्त किया गया। मगर उक्त राशि ऋण खाता में जमा नहीं किया गया।
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विभागीय अधिकारियों से लगाई गुहार
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उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के महाप्रबंधक के नाम प्रेषित आवेदन के अनुसार ऋण वसूली के दौरान पटोरी निवासी ऋण धारक सीताराम ठाकुर द्वारा अपने जीसीसी खाता संख्या 1007981310001089 में जमा करने हेतु 37 हजार रुपए दिया गया था। शिवशंकर ठाकुर द्वारा जीसीसी खाता संख्या 1007981310001129 में जमा करने के लिए 38 हजार रुपए दिया गया था। बदले में इन दोनों ऋण खाताधारियों को राशि अंकित कर भुगतान संबंधी बैंक जमा पर्ची पर हस्ताक्षर कर दे दिया गया। बैंक आकर ऋण संबंधित नो ड्यूज प्रमाण पत्र लेने की बात कही गई थी। मगर शाखा द्वारा नो ड्यूज प्रमाण पत्र देने में टालमटोल किया जाता रहा। भुगतान संबंधी बैंक जमा पर्ची रहने के कारण बैंक जाना छोड़ अपने रोजगार में जुट गए। इसी बीच बैंक से बकाया ऋण राशि जमा करने के लिए नोटिस आने पर उक्त राशि ऋण खाता में जमा नहीं होने की जानकारी मिली।
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खाता में जमा नहीं की गई ऋण राशि
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उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक सत्तर शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं बीसी द्वारा ऋण वसूली के दौरान पटोरी निवासी ऋणधारक सीताराम ठाकुर एवं शिवशंकर ठाकुर से वसूल किये गये 75 हजार राशि उनके खाता में जमा नहीं किया गया तथा उक्त राशि का गबन कर लिया गया है। इसका खुलासा तब हुआ जब बैंक द्वारा राशि जमा करने के लिए नोटिस भेजा गया। इस बाबत तत्कालीन शाखा प्रबंधक हरेराम पासी से पूछे जाने पर झुंझलाते हुए कहा कि जिन्हें इस तरह की शिकायत है वे वरीय अधिकारी के समक्ष शिकायत करें।
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इस बैंक में आए हुए एक माह हुआ है। इस तरह का कोई भी मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। मेरे द्वारा वर्ष 2008 से अबतक के लगभग 11 करोड़ 19 लाख ऋण राशि बकाया रखने वाले 1120 ऋण खाता धारियों को नोटिस भेजा गया है।
आकाश आनंद, शाखा प्रबंधक , उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा सत्तर।

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