33 लाख खर्च पर भी प्राण विहीन हुए 125 हस्तांतरित पेड़

टाप लगाएं

---------
फोटो- 13 जमुई- 4
- वन विभाग ने संबंधित नर्सरी को लिखा पत्र, पेड़ सूखने की पूछा वजह
- बार-बार पत्राचार के बाद भी लापरवाह बना है राष्ट्रीय उच्च पथ
संवाद सूत्र, चंद्रमंडी (जमुई): चकाई प्रखंड में विकास की कीमत पर पर्यावरण को बड़ा नुकसान हो गया। यहां राष्ट्रीय उच्च पथ-333 की चौड़ीकरण के दौरान हस्तांतरित किए गए 125 पेड़ उचित रखरखाव के अभाव में प्राण विहीन हो गए। उन पेड़ों को बचाने के लिए विभाग ने 33 लाख रुपये खर्च भी किए। फिर भी बामदह से लेकर जसीडीह सीमा तक सड़क किनारे सूखे पेड़ों को देखा जा सकता है।

दो वर्ष पूर्व सड़क चौड़ीकरण के दौरान एनएचएआइ ने सड़कों से सटे आम सहित अन्य पेड़ों को हटाकर उसे बचाने की जिम्मेदारी सड़क निर्माण करा रही टाप लाइन कंपनी को दी थी। कंपनी ने यूपी के रोहित नर्सरी को इसका जिम्मा दिया। रोहित नर्सरी ने 128 पेड़ों को हस्तांतरित भी किया, लेकिन एक या दो पेड़ ही लग पाए। इस संबंध में वन विभाग ने कंपनी को पत्र लिखकर पेड़ों के सूखने की वजह पूछा है।
--
मौसम के अनुसार हस्तांतरित नहीं किए जाने से सूखे पेड़
पेड़ों को हस्तांतरित किए जाने का उपयुक्त मौसम बरसात का होता है, लेकिन जाड़े के मौसम में किया गया। उचित मात्रा में पानी नहीं मिलने से पेड़ सूख गए। पेड़ों के सूखने के बाद वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय उच्च पथ के कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजा। पत्र में कहा कि 128 में मात्र तीन पेड़ लग पाए हैं। जो तीन पेड़ लगे उसमें भी हरियाली की मात्रा काफी कम है। विभाग ने अविलंब सूखे पेड़ों को हटाकर माधोपुर नर्सरी में रखने और उसकी जगह पीपल, बरगद सहित अन्य पेड़ों को अविलंब लगाने का निर्देश दिया था, लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी रोहित नर्सरी उदासीन बना हुआ है।
--
छांव देने की बजाय चूल्हे में जल रहे पेड़
लंबे समय से सड़क किनारे सूखे पड़े पेड़ को नहीं हटाए जाने के कारण उसकी कटाई होने लगी है। स्थानीय ग्रामीण और लकड़ी तस्कर उन पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। अधिकांश पेड़ों के ऊपरी भाग को छील लिया गया है। इस पर वन विभाग और प्रशासन का ध्यान नहीं है।
--
कोट
सूखे पेड़ों को हटाने के लिए कई बार राष्ट्रीय उच्च पथ को पत्र लिखा गया, लेकिन राष्ट्रीय उच्च पथ लापरवाह बना है। जहां तक पेड़ों की कटाई की बात है तो उस पर रोक लगाई जाएगी। इसके लिए निर्देश दिया जा रहा है।
पीयूष वर्णवाल, डीएफओ, जमुई
--
कोट
वन विभाग सूखे पेड़ों को हटाने के लिए अनुमति पत्र देता है तो सूखे पेड़ों को हटाया जाएगा। अब तक विभाग का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र मिलते ही सूखे पेड़ों को हटाने का काम प्रारंभ किया जाएगा।
साकेत कुमार रोशन, कार्यपालक अभियंता, राष्ट्रीय उच्च पथ

अन्य समाचार