महज 2190 मजदूरों को मिला नियमित काम

संस, सहरसा : मनरेगा योजना में एकतरफ काम मांगने वाले मजदूरों की संख्या घट रही है। दूसरी तरफ काम मांगनेवाले मजदूरों को भी नियमित काम नहीं मिल पाता।

चालू वित्तीय वर्ष में जिले के पांच लाख 20 हजार 585 मजदूरों में महज एक लाख एक हजार 720 ने काम की मांग किया। इसमें मात्र 88314 मजदूरों को काम मिल पाया। जिन मजदूरों ने काम की मांग की, उसमें 81 से 99 दिन के अनुपात में काम पानेवाले मजदूरों की संख्या महज 2190 है। गत वर्ष पूरे वित्तीय वर्ष में इस श्रेणी के मजदूरों की संख्या महज 41 सौ है।
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जिले में अबतक लिया गया 20312 योजना
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वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिले में अबतक 20312 योजना लिया गया। इसमें 684 योजना पूर्ण हुआ और 19628 योजना प्रक्रियाधीन है। इस वित्तीय वर्ष में एक करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य है। अबतक दो लाख 70 आठ हजार 905 मानदिवस सृजन किया गया। कोरोना संक्रमण के दौरान जिला प्रशासन ने अधिकाधिक मजदूरों को कार्य उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। इस निर्णय को कार्यरूप नहीं दिया जा सका। कौशल के आधार पर मजदूरों को कार्य और भुगतान नहीं मिल रहा है। फलस्वरूप मजदूरों का पलायन जारी है। ----
कोट
काम की मांग करनेवाले मजदूरों को पंचायत की योजना के आधार पर सुविधानुसार कार्य उपलब्ध कराया जाएगा। मांग करने पर काम उपलब्ध नहीं करवाने की शिकायत पर संबंधितों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
अफरोज आलम, डीपीओ मनरेगा, मनरेगा, सहरसा।

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