जिले में 308 में से मात्र 118 ट्यूबवेल ही दे रहा पानी

जहानाबाद : सरकार द्वारा किसानों के खेतों की सिचाई के लिए पूर जिले में 308 ट्यूबवेल लगाए गए है। लेकिन इनमें मात्र 118 ही पानी उगल रहा है। शेष शोभा की वस्तु बने हैं। नौ में मैकेनिकल, 27 में विद्युत एवं 146 में संयुक्त फाल्ट के कारण खराब पड़ा है। दिलचस्प बात तो यह है कि विभाग द्वारा ट्यूबवेल की मरम्मत को लेकर छह से सात लाख रुपये दिए गए हैं, फिर भी अधिकांश खराब हैं। यदि सभी ट्यूबवेल पानी उगलना प्रारंभ कर दे तो किसानों को खरीफ फसल लगाने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। संपन्न किसान मोटर पंप के सहारे धान रोपनी के लिए खेतों को तैयार कर रहे हैं। छोटे किसान वर्षा के लिए आसमान निहार रहे हैं। जैसे ही बादल आसमान में दिखता है किसानों के चेहरे में मुस्कान दिखने लगती है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार ने बताया कि ट्यूबवेल की रखवाली की जिम्मेदारी मुखिया को सौंपी गई है। उनके द्वारा खराब नलकूप को बनाने के लिए प्राक्कलन बनाकर दिया गया था। प्राक्कलन के अनुसार 80 प्रतिशत तक राशि का भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि खराब नलकूप की जांच को लेकर टीम का गठन किया गया है। टीम द्वारा जांच रिपोर्ट दिए जाने पर मरम्मत कार्य में लापरवाही बरतने वाले मुखिया के विरुद्ध कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जाएगा। जिन नलकूप में मैकेनिकल खराबी है उसे सही करने के लिए मिस्त्री को भेजा जा रहा है। कार्यपालक अभियंता ने कहा कि विद्युत कनेक्शन के बगैर बंद ट्यूबवेल के लिए विद्युत कार्यपालक अभियंता से संपर्क कर कनेक्शन देने का आग्रह किया जाएगा।


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धान का बिचड़ा बचाना भी हुआ मुश्किल किसानों ने कहा कि मानसून प्रवेश के बाद भी बारिश नहीं होने से धान की रोपनी प्रभावित है। समय बीतता जा रहा है। पानी के बिना धान का बिचड़ा बचाना भी मुश्किल हो गया है। अगर जिले में लगाए गए सभी ट्यूबवेल चालू होते तो किसानों को पटवन करने में आसानी होती। धान का बिचड़ा सूखने से बच जाता। धान की रोपनी भी किसान शुरू कर सकते थे। लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते आधा से ज्यादा ट्यूबवेल भी बंद पड़ा है।

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