खाद का भंडार आधा, खरीफ फसल में भी किल्लत के आसार

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। रबी मौसम में खाद की कमी की मार झेल चुके किसान के लिए खरीफ फसल से काफी उम्मीदें हैं। लेकिन उन्हें मौसम की बेरूखी के साथ फिर उर्वरक की किल्लत होने की चिता सताने लगी है। हालांकि कृषि विभाग का दावा है कि इस बार किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी।

यद्यपि अभी जिले के पास खरीफ फसल के लिए आवश्यकता की आधी खाद ही मौजूद है। इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी प्रकाश चंद्र मिश्रा ने बताया कि किसानों को खाद के लिए इस बार परेशान नहीं होना होगा। खरीफ फसल के लिए समय पर उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं इस बार खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए भी सख्त कदम उठाये गए हैं। हर अनुमंडल के लिए वरीय अधिकारियों के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया है जो शिकायत मिलते ही दुकानों पर छापेमारी कर त्वरित कार्रवाई करेगी।

यूरिया और डीएपी खाद का आधा स्टाक है मौजूद
जिला कृषि पदाधिकारी के अनुसार इस मौसम में किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। हालांकि अभी खाद की आवश्यकता की आधा स्टाक ही विभाग के पास उपलब्ध है। विभाग से मिली जानकारी अनुसार जिले में खरीफ सीजन में 34 हजार एमटी यूरिया, 13 हजार एमटी डीएपी, 7500 एमटी एनपीके, 5300 एमटी पोटाश एवं 3300 एमटी एसएसपी खाद की खपत का अनुमान है। जबकि उस अनुपात में अभी जिले में 16 हजार 556 एमटी यूरिया, 5253 एमटी डीएपी की आपूर्ति हो चुकी है। विभाग का दावा है और खाद जल्द जिले में पहुंच जाएगा जिससे समय पर किसानों को आवंटित किया जाएगा तथा खाद की किल्लत नहीं होने दी जाएगी। विदित हो कि खरीफ सीजन में जिले में सबसे अधिक धान की खेती होती है। धान की खेती में सबसे ज्यादा यूरिया व डीएपी खाद का डिमांड होता है। अभी बारिश नहीं हो रही है लेकिन वर्षा होते ही खाद का डिमांड काफी बढ़ जाएगा। ऐसे में किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराना विभाग के लिए चुनौती होगा।
रबी मौसम से सबक लेते हुए विभाग कर रहा तैयारी
सीजन में जब खाद की जरूरत पड़ती है और उसकी खपत बढ़ जाती है साथ ही इसके साथ ही शुरू हो जाती है खाद की कालाबाजारी। बीते रबी सीजन ने किसानों को खाद की किल्लत के बीच उन्हें अधिक कीमत पर खाद उपलब्ध होती थी। लेकिन विभाग ने दावा किया है कि इस बार पहले से ही सतर्कता बरती जा रही है। खरीफ में खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए जीरो टालरेंस की नीति अपनाइ जा रही है। अनुमंडल स्तर पर जांच दल का गठन किया गया है। जो समय-समय पर अपने-अपने अनुमंडल के प्रखंडों में खुदरा, थोक विक्रेता के प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण कर स्टाक रजिस्टर, दुकान और गोदामों का भौतिक सत्यापन, पॉश मशीन आदि की जांच करेंगे। साथ ही जिलास्तर पर कार्यरत उर्वरक नियंत्रण कक्ष में प्राप्त शिकायतों का भी 24 घंटे के अंदर निष्पादन करेंगे। अगर कोई दुकानदार खाद की कालाबाजारी करने के मामले में संलिप्त पाया गया तो उस पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई होगी। साथ ही थाने में एफआईआर भी दर्ज होगा।
चारों अनुमंडल में किया गया है जांच टीम का गठन
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए अनुमंडलवार तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। सदर अनुमंडल के लिए अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सदर, सहायक निदेशक शष्य (फार्म) व कसबा प्रखंड कृषि पदाधिकारी को शामिल किया गया है। वहीं धमदाहा अनुमंडल के लिए सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी धमदाहा व भवानीपुर प्रखंड कृषि पदाधिकारी, बनमनखी अनुमंडल के लिए सहायक निदेशक रसायन, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी बनमनखी, व धमदाहा प्रखंड कृषि पदाधिकारी को शामिल किया गया है। जबकि बायसी अनुमंडल के लिए गठित टीम में सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, बायसी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी व डगरुआ प्रखंड कृषि पदाधिकारी को शामिल किया गया है।

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