जिले के दर्जनों स्कूलों में दोपहर का भोजन बंद

जागरण संवाददाता, शेखपुरा:

जिले के दर्जनों स्कूलों में कई हजार विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन नहीं मिल रहा है। बच्चों में पोषण के स्तर को बनाए रखने के लिए चलाई जा रही इस योजना का नाम सरकार ने बदलकर अब प्रधानमंत्री पोषण योजना कर दिया है। बताया गया कि स्कूलों में चावल पहुंचाने की नई व्यवस्था की वजह से यह समस्या खड़ी हुई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. ओमप्रकाश सिंह ने स्वयं 14 स्कूलों में इस योजना के बंद होने की पुष्टि की है। प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी राकेश ने भोजन बंद होने वाले स्कूलों की संख्या इससे कई गुना अधिक होने का दावा किया है। दैनिक जागरण को विभिन्न माध्यम से मिली जानकारी के मुताबिक कन्या विद्यालय मेहूस, प्राथमिक विद्यालय मखदूमपुर, मध्य विद्यालय गवय, मध्य विद्यालय बरमा, मध्य विद्यालय एकसारीबीघा, प्राथमिक विद्यालय अकौना व प्राथमिक विद्यालय लक्षणा में चावल के अभाव में पिछले कई दिनों से मध्याह्न भोजन योजना का चूल्हा बंद पड़ा है। इसके अलावे कटारी, हसनगंज, कैथमा सहित कई स्कूलों में कुछ दिन का चावल बचा हुआ है। एक-दो दिनों में इन स्कूलों में चावल नहीं पहुंचा तब आधे से अधिक स्कूलों में एमडीएम का चूल्हा बंद होने का खतरा है।

नई व्यवस्था से समस्या स्कूलों में एमडीएम का चावल पहुंचाने की नई व्यवस्था से यह समस्या खड़ी हुई है। विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पहले स्कूलों में चावल पहुंचाने के लिए प्रत्येक प्रखंड में अभिकर्ता बहाल होते थे। प्रखंड साधन सेवियों की निगरानी में चावल स्कूल पहुंचाए जाते थे। मगर पिछले महीने सरकार ने यह व्यवस्था बदलकर जन वितरण प्रणाली के डोर स्टेप डिलिवरी प्रणाली से स्कूलों को चावल पहुंचाने का काम शुरू किया गया है। इसके लिए राज्य खाद्य निगम अपने स्तर से डीलर नियुक्त कर रहा है। इसकी वजह से स्कूलों में चावल का पुराना भंडार समाप्त होने के बाद नया चावल नहीं पहुंच रहा है। स्कूलों को पूर्ण पोषण वाला चावल मिलता है।
बोले अधिकारी-
हमने प्रधानमंत्री पोषण योजना की गहन समीक्षा की है। समीक्षा में कई स्कूलों में चावल की कमी की वजह से विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन नहीं मिलने की बात सामने आई है। इसको लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। स्कूलों को सुगमता से चावल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। जिन स्कूलों में दोपहर का भोजन बंद है वहां अगले दो से तीन दिनों में चालू हो जाएगा।
डा. ओमप्रकाश सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी

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