बगहा। बाघ के हमले में मृत किसान के क्षत-विक्षत शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर में जांच हेतु भेज दिया है ताकि ये पता चल सके कि प्राप्त हड्डियों का अवशेष किसका है। इस दौरान डीएनए की जांच भी की जाएगी। जिससे ये पता चल सकेगा कि अवशेष लापता किसान धर्मराज का है या किसी और का। वहीं दूसरी ओर स्वजन व ग्रामीणों ने धर्मराज का पुतला बनाकर शनिवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया। हालांकि धर्मराज का इकलौता पुत्र अभी घर नहीं पहुंचा है। इस संबंध में बीडीसी प्रेम मांझी ने बताया कि मृत किसान का इकलौता पुत्र रामनाथ काजी गुजरात में रहकर मजदूरी करता है। जो पिता के मौत की घटना सुनकर वहां से घर के लिए निकल चुक है। यहां बता दें कि मृत किसान अपने पीछे अपनी पत्नी व बेटे-बहु को छोड़ गया है। दूसरी ओर, वनवर्ती गांव में रहने वाले लोगों में भय का आलम व्याप्त है। ग्रामीणों का मानना है कि यह बाघ आदमखोर हो चुका है। अब तक कई बार लोगों पर हमला बोल चुके बाघ को पकड़ कर किसी दूसरे वन क्षेत्र में छोड़ने की वकालत लोगों ने की है। बालक को शिकार बनाने की बाघ ने की थी कोशिश :- आदमखोर हो चुके बाघ ने बीते आठ मई को बैरिया कला गांव के ही चांदेव चौधरी के पुत्र अविनाश कुमार पर भी हमला किया था जिसमें वो बुरी तरह घायल होकर आज भी अस्पताल में इलाजरत है। जिसके इलाज में आज तक किसी भी प्रकार की कोई सहायता प्राप्त नहीं हो सकी है। वन विभाग के खिलाफ बढ़ता जा रहा ग्रामीणों का आक्रोश :- ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ आय दिन हमारे गांव के सरेह में आ जाता है। जंगल से सटे हमलोगों के खेत हैं। ऐसे खेत में जाना लाजमी है। लेकिन बाघ के डर से हम सभी किसान खेतों की ओर जाने से कतरा रहे हैं। वन विभाग को बाघ से छुटकारा दिलाने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही ग्रामीणों ने वन विभाग से बाघ के हमले में मृत किसान के स्वजन को उचित मुआवजा देने की मांग की है। बैरिया कला के ग्रामीण प्रेम मांझी, ओमनारायण चौधरी, ओमनाथ महतो, विद्यासागर मुखिया, दयालाल पटवारी, हरेंद्र महतो, राजकुमार महतो, राजेंद्र महतो, अमेरिका काजी व छतमन पटवारी आदि का कहना है कि अविनाश पर जब बाघ ने हमला किया था तो उसमें भी वन विभाग को कोई सहायता नहीं दी थी। अब अगर इसमें सहायता नहीं मिलता है तो हम सभी वन विभाग के खिलाफ आंदोलन करेंगे। बयान :- मृत किसान की घटना काफी मार्मिक है। मेरी संवेदना मृतक के स्वजन के साथ है। वन विभाग के आला अधिकारियों से बात कर मृतक के स्वजन को उचित मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। वर्तमान स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों को सतर्कता बरतनी चाहिए। वन विभाग के अधिकारियों-कर्मियों को वनवर्ती गांव में जागरूकता अभियान चलाने की पहल करने की जरूरत है।
धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिकू सिंह
विधायक, वाल्मीकिनगर