इच्छुक व्यक्ति टीबी मरीजों को ले सकते हैं गोद

संसू, नवहट्टा (सहरसा)। अब कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को अडाप्ट पिपल विद टीबी योजना के तहत गोद ले सकते हैं। इच्छुक लोगों के आवेदन पर मरीज को गोद दिया जाएगा। वे मरीजों को नियमित दवा लेने और सेहत का विशेष ध्यान देने के लिए प्रेरित करेंगे। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान के तहत इसकी शुरूआत की गई है।

-- गोद लेने वाले को मिलेगा प्रमाण पत्र
--- गोद लेने के पीछे उद्देश्य है कि संबंधित व्यक्ति उस मरीज से समय-समय पर संपर्क करेगा। उसे नियमित दवा खाने के लिए प्रेरित करने के साथ ही आर्थिक मदद भी कर सकता है। छह माह की दवा में जब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो जाएगा तो स्वास्थ्य महकमा गोद लेने वाले व्यक्ति को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित करेगा।

--- गोद लेने में देनी होगी जानकारी
--- स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार टीबी रोगी को कोई भी नागरिक गोद ले सकता है। इसमें संबंधित व्यक्ति को अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर या पेशा के बारे में ब्यौरा देना होगा। इसके बाद विभाग की ओर से मरीज को गोद दिया जाएगा। गोद लेने वाले व्यक्ति को मरीज के बारे में और उसका नाम किसी को शेयर नहीं करना होगा। वह उसकी देखभाल के साथ ही मदद भी कर सकते हैं। वर्ष 2025 तक देश को टीबी यानी तपेदिक या क्षय रोग से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। गाइडलाइन के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई व्यक्ति टीबी के मरीज को गोद ले सकेगा।
--- नवहट्टा में भी हैं टीबी के मरीज
--- वर्ष 2021 में नवहट्टा सीएचसी में 18 टीबी मरीज की पहचान की गई जिसमें सभी मरीजों का उपचार किया गया। उपचार के बाद सभी मरीजों को छह माह का दवा दी गई जिसमें 12 मरीज अभी तक पूर्ण स्वस्थ हुए हैं। आधे दर्जन मरीजों की दवा अभी चल रही है। वर्ष 2022 जनवरी से छह मार्च तक टीबी के सात मरीज आए हैं। जिसका उपचार शुरू कर दिया गया है। पिछले वर्ष कोरोना की वजह से मरीजों की संख्या कम रही।
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इस योजना से टीबी मरीजों के साथ आमजनों का भावनात्मक रिश्ता कायम होगा । सेहत का ध्यान रखने वाला मिल जाएगा । जिससे मरीज समय पर स्वस्थ हो सकेंगे।
मखदुम असरफ , बीसीएम , नवहट्टा

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