नदी किनारे लगेगा बांस, रुकेगा कटाव, मिलेगा फायदा

संसू, सत्तरकटैया ( सहरसा )। मनरेगा योजना के तहत प्रखंड क्षेत्र में नदियों के किनारे एवं निजी जमीन में बांस लगाया जाएगा। इसके लिए विभागीय पहल शुरू कर दी गयी है। बांस लगाने हेतु किसानों को जागरूक किया जा रहा है।नदी किनारे बांस लगाए जाने से जहां नदी कटाव को अवरुद्ध करेगा। वहीं निजी जमीन में बांस लगाने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

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एक साथ कई खेती करने का किसानों को मिलेगी लाभ
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बांस लगाने के साथ किसान कई खेती कर भी एक साथ आसानी से कर सकते हैं। कम लागत में कई गुना अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। बांस के खेतों में अदरक , हल्दी जैसी चीजों की खेती के अलावा हर उस चीज की खेती कर सकते हैं , जो छायादार जगह पर भी अच्छी पैदावार देते हैं। इससे भी किसानों का मुनाफा अच्छा - खासा बढ़ सकता है। इन सबके अलावा बांस से कई तरह के सजावट के सामान बनाए जा सकते हैं। इन प्रोडक्ट्स की बाजार में अच्छी डिमांड है, इस पौधे की खेती से किसान सालाना लाखों का मुनाफा हासिल कर सकते हैं।
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कहते हैं विज्ञानी
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मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अगवानपुर के प्राचार्य डा . उमेश सिंह एवं कृषि विज्ञानी पंकज कुमार राय ने बताया कि एक हेक्टेयेर में तकरीबन बांस के 1,500 पौधे लगाए जा सकते हैं। यह फसल करीब तीन साल में काटने लायक तैयार हो जाती है। बांस की खेती अन्य फसलों की तुलना में सुरक्षित और अधिक लाभदायक है। बांस की फसल की खासियत यह भी है कि यह किसी भी मौसम में खराब नहीं होता। बांस की फसल इस ²ष्टि से भी बेहतर है कि इसे एक बार लगाने के बाद कई साल तक इसका उत्पादन प्राप्त होता रहता है।
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प्रखंड क्षेत्र में नदी किनारे एवं निजी जमीन में बांस पेड़ लगाने हेतु विभागीय प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है। किसानों की आय दोगुनी करने हेतु बांस लगाने के लिए जागरूक अभियान चलाया जा रहा है।
रियाज अहमद , कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा , सत्तरकटैया।

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