अब आधार नंबर से होगी मतदाताओं की पहचान

बेतिया। अब तक आधार का उपयोग यूनिक पहचान के तौर पर किया जा रहा था। लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही अब आधार का एक बेहद महत्वपूर्ण कार्य मतदाताओं की पहचान करना भी होगा। यानी अब मतदाता सूची को आधार से टैग किया जाएगा। इस बाबत राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिले के जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र भेजा है। पत्र के आलोक में यहां कवायद शुरू कर दी गई है। हालांकि यह निर्वाचकों के लिए स्वैच्छिक बताया गया है, लेकिन सभी आधार नंबर देने की बात कही गई है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 में किए गए संशोधन में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि आधार संग्रहण का प्रमुख उद्देश्य निर्वाचक सूची में पंजीकृत निर्वाचकों की पहचान को सुनिश्चित करना एवं प्रमाणीकरण करना है। इसमें वैसे निर्वाचकों को भी चिह्नित किया जाएगा,जिनका नाम एक ही विधान सभा में दो बार पंजीकृत हो या एक से अधिक विधान सभा में पंजीकृत हो। किसी भी निर्वाचक द्वारा अपने आधार से संबंधित जानकारी स्वैच्छिक रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। हालांकि आधार नहीं उपलब्ध कराए जाने के कारण निर्वाचक सूची से किसी भी निर्वाचक का नाम विलोपित नहीं किया जाएगा।


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आधार संग्रहण के लिए प्रपत्र 6 ख का किया जाएगा इस्तेमाल
आधार संग्रहण को ऑनलाइन जमा करने के लिए प्रपत्र 6 ख का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए अभियान चलाकर आन लाइन मोड में प्राप्त किया जाएगा। इसमें निर्वाचक प्रपत्र 6 ख को एनवीएसपी या वोटर हेल्पलाइन पर जाकर भरेंगे तथा अपने आधार संख्या से जुड़े मोबाइल संख्या पर ओटीपी प्राप्त कर प्रमाणीकरण करेंगे। यह ऑफलाइन के माध्यम से भी भरा जा सकेगा। वहीं विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अन्तर्गत विशेष अभियान दिवस पर निर्वाचकों को स्वैच्छिक रूप से अपने आधार से संबंधित प्रपत्र ख प्रेषित किया जा सकता है।

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