रात में कांवरियों की स्वास्थ्य सेवा चतुर्थ वर्गीय कर्मी के हवाले

फोटो- 18 जमुई- 24

- चतुर्थ वर्गीय कर्मी कर रहे कांवरियों का इलाज
- नहीं जानते सुई देना, हर मर्ज की एक ही दवा पारासिटामोल
- हाल पतौना चौक कांवरिया स्वास्थ्य शिविर का
संवाद सूत्र, बरहट (जमुई): श्रावणी मेला में कांवरियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर स्वास्थ्य विभाग व्यवस्था की औपचारिकता पूरी कर रहा है। बरहट प्रखंड के पतौना स्थित कांवरिया स्वास्थ्य शिविर में चिकित्सीय व्यवस्था यही दर्शा रही है। इस शिविर में विभाग के चतुर्थ वर्गीय कर्मी रात में कांवरियों का इलाज करते हैं। विभाग ने ऐसा ही रोस्टर बनाया है। रात में किसी एएनएम या चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है, लिहाजा आपातकालीन स्थिति या तबीयत बिगड़ने पर कावरियां इसी चतुर्थ वर्गीय कर्मी से इलाज कराने के लिए बाध्य होते हैं। ऐसे में चिकित्सीय गुणवत्ता को समझा जा सकता है। दरअसल, प्रखंड स्वास्थ्य विभाग ने ही ऐसा रोस्टर बनाया है कि रात में इस चिकित्सा शिविर में एक चतुर्थ वर्गीय कर्मी दयानंद दास की ड्यूटी लगाई गई है। रविवार की रात ड्यूटी पर तैनात दयानंद ने बताया कि उसे सुई देना नहीं आता है और उसे हर मर्ज की एक ही दवा पारासिटामोल बताई गई है। उसने बताया कि शिविर में बिजली पानी की व्यवस्था भी नहीं है। प्रखंड स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कांवरियों की चिकित्सा सुविधा के लिए तीन शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है। सुबह और दोपहर के शिफ्ट में दो एएनएम व रात को सिर्फ चतुर्थ वर्गीय कर्मी की ड्यूटी लगाई गई है। स्वास्थ्य विभाग की इस व्यवस्था ने कांवरियों की चिकित्सा सेवा को लेकर उसकी गंभीरता को दर्शा दी है। बताया जाता है कि अधिकांश चिकित्सा शिविर में ऐसा ही हाल है। कांवरियों को चिकित्सा सुविधा के दायित्व निर्वाहन की जगह औपचारिकता निभाई गई है। बता दें कि कांवरियां इसी रास्ते से होकर सुल्तानगंज जाते हैं। अधिकांश कांवरिया वाहन रात को ही गुजरते हैं। कई कांवरियों ने बताया कि रात को सुल्तानगंज पहुंचने के बाद सुबह-सुबह जल भर कर बाबा धाम के लिए रवाना होते हैं।

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कोट
दो शिफ्ट में एएनएम लगाया गया है। नाइट शिफ्ट में चतुर्थ वर्गीय कर्मी काम कर रहे हैं। नाइट शिफ्ट में भी एएनएम को लगाया जाएगा।
डा. विवेक कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बरहट

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