सुकन्या समृद्धि योजना में किए गए हैं बदलाव, 66,363 कन्या होंगी लाभान्वित

मनोज कुमार, पूर्णिया। बेटी का भविष्य संवारने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना सरकार ने लाई है। लेकिन उक्त योजना के तहत आ रही कुछ व्यवहारिक परेशानियों को देखते हुए सरकार ने इसके नियमों में बदलाव किया है। पहले सिर्फ दो बेटियों वाले को ही इस योजना का लाभ दिया जाता था लेकिन अब एक बेटी के बाद जुड़वां बेटी होने पर भी योजना का लाभ दिया जाएगा। इस संबंध में डाक अधीक्षक विनय कुमार सिंह ने बताया कि सुकन्या समृद्धि योजना में पांच बदलाव किए गए हैं। नए नियमों के तहत सुकन्या योजना में निवेश करना, खाता बंद करना और आसान हो गया है। पूर्णिया डाक प्रमंडल में खोले गए हैं 66,363 कन्या के खाते

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हर माता-पिता यह चाहते हैं कि बेटी का भविष्य हमेशा आर्थिक रूप से ठीक रहे, उसे कभी पैसों की कमी नहीं हो। इस सपने को साकार करने के लिए सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना लाई है। इसमें निवेश करके माता-पिता अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। इस योजना के तहत कोई भी अपने बेटी के नाम छोटी बचत करवा सकते हैं। इस योजना में निवेश करने से बिटिया को 21 साल के होने पर लाखों रुपये मिलते हैं। डाक प्रमंडल पूर्णिया अंतर्गत उक्त योजना के तहत 66,363 बच्चियों के खाते खोले गए हैं। इसमें अररिया जिले के खाते भी शामिल हैं। उक्त सभी बच्चियों को योजना में किए बदलाव का लाभ मिलेगा। अब तीन बेटियों को भी मिलेगा लाभ इस योजना के तहत पहले दो बेटियों के खाते पर ही 80 सी के तहत टैक्स छूट का प्रावधान था। इसमें तीसरी बेटी पर यह फायदा नहीं मिलता था। नए नियमों के बाद अब अब यदि एक बेटी के बाद दो जुड़वां बेटियां होती हैं तो उन दोनों के लिए भी खाता खोलने की सुविधा है। अगर एक पिता के तीन बेटियां है तो व तीनों के नाम पैसा जमा कर सकते हैं। इस योजना के तहत अकाउंट बच्ची के जन्म लेने के बाद 10 साल से पहले खोला जा सकता है। इस योजना के तहत न्यूनतम राशि एक हजार और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है। बता दें कि अगर आप इस स्कीम में हर महीने तीन हजार रुपये का निवेश करते हैं, यानी सालाना 36000 रुपए लगाने पर 14 साल बाद 7.6 फीसदी सालाना कंपाउंडिग इंटरेस्ट के हिसाब से 9,11,574 रुपए हो जाती है। 21 साल यानी मेच्योरिटी पर यह रकम करीब 15,22,221 रुपए होगी।
18 साल बाद खाता आपरेट कर सकती है बेटी सुकन्या योजना में पहले नियम थे कि बेटी 10 साल की उम्र में खाते को ऑपरेट कर सकती थी। नए नियमों के अनुसार अब 18 साल से पहले बेटियों को खाता ऑपरेट करने की इजाजत नहीं है। इससे पहले अभिभावक या माता-पिता ही खाते को ऑपरेट करेंगे। पहले न्यूनतम राशि पर अकाउंट डिफॉल्ट हो जाता था लेकिन अब नए नियम के तहत खाते को दोबारा एक्टिव नहीं कराने पर मैच्योर होने तक खाते में जमा राशि पर लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा। नए नियमों के अनुसार, खाते में गलत ब्याज डालने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान नहीं होगा। सुकन्या योजना के खाते का सालाना ब्याज हर वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा। समय से पहले बंद कर सकते हैं खाता इस योजना के तहत खाते को बेटी की मौत या बेटी का पता बदलने पर बंद कर सकते हैं। लेकिन अब खाताधारक की जानलेवा बीमारी को भी इसमें शामिल कर दिया गया है। अभिभावक की मौत होने पर भी समय से पहले अकाउंट बंद किया जा सकता है। इसका पोस्ट आफिस में अकाउंट खोलना भी आसान है। बेटी का बर्थ सर्टिफिकेट, माता-पिता का पहचान पत्र, इसमें पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविग लाइसेंस, पासपोर्ट देना होगा। एड्रेस प्रूफ के दस्तावेज सबमिट करने होंगे, इसमें ड्राइविग लाइसेंस, पासपोर्ट, बिजली बिल/राशन कार्ड वैलिड हैं। बैंक या पोस्ट ऑफिस में दस्तावेजों की वेरिफिकेशन होने के बाद खाता खुल जाएगा।

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