बोलबम से गूंजा धीमेश्वर मंदिर, 40 हजार श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक

संस, बनमनखी, (पूर्णिया)। सूबे के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में शुरू हुए धीमेश्वर मंदिर में एक माह तक चलने वाला राजकीय श्रावणी महोत्सव में प्रथम सोमवारी को अनुमंडल प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था में 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा धीमेश्वर नाथ का जलाभिषेक किया।

गर्भ गुह में तैनात पुलिस बल की व्यवस्था दुरूस्त होने के कारण श्रद्धालुओं को जलाभिषेक करने में परेशानियों का सामना नही करना पड़ा। हालांकि कुंआ पर बार-बार भीड़ इक्कठा हो जा रही थी। लेकिन पर्याप्त पुलिस बल होने के कारण भीड़ को मंदिर प्रांगण में ज्यादा देर इक्कठा नहीं होने दिया जा रहा था। पहले सोमवारी के भीड़़ को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाकी बचे हुए सोमवारी में श्रद्धालुओं की क्या भीड़ होगी। इस दौरान कावरिया बोलबम-बोलबम, बोल बम का नारा है बाबा एक सहारा है व हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा क्षेत्र शिवमय गुंजायमान हो उठा। ------

दिन भर लगा रहा श्रद्धालुओं का आना : सावन के प्रथम सोमवार को अहले सुबह हीं मनिहारी गंगाघाट से कावरिया और आसपास के इलाकों की श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। पूरे दिन श्रद्धालुओं का आना लगा रहा। हालांकि दोपहर तीन बजे तक श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा थी। लेकिन तीन बजे के बाद श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य रही। लेकिन इतनी कम भी नहीं थी कि परेशानी ना हो। -------दर्जनों श्रद्धालुओं ने दिया दंड प्रणाम : सावन माह में धीमेश्वर मंदिर दण्ड प्रणाम देने वाले श्रद्धालु आते है। लेकिन सावन का प्रथम सोमवार होने के कारण दर्जनों महिला सहित पुरूष स्नान कर गर्भ गृह तक दण्ड करते हुये गये और बाबा उग्रेश्वर नाथ को प्रणाम किया। --------सजी है फूलों व अन्य चीजों की दुकान : सावन महिना आते ही दर्जनों फुल विक्रेता के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है कि उनका फुल का व्यवसाय अच्छा चलेगा। सावन माह में धीमेश्वर बाबा का मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है। जिसे फुल विक्रेता विभिन्न प्रकार के फुल बेचकर अपना और अपने परिवार का पालन करते है। इसके अलावा भी मंदिर प्रांगण में मिठाई, श्रृंगार, पान, प्रसाद, नाश्ता आदि का दुकान सजी है। -------कतारबद्ध हो कर जाते श्रद्धालु : धीमेश्वर मंदिर में राजकीय श्रावणी महोत्सव में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अनुमंडल प्रशासन के द्वारा बनाए गए बेरिकेटिग से हीं सभी श्रद्धालु को पूजा करने की अनुमति है। इसमें दण्ड प्रणाम के लिये श्रद्धालु साईड होकर मंदिर में प्रवेश किया। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सभी श्रद्धालु प्रशासन का मदद करें ताकि किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े। कतार बद्ध कांवरिया के लिए धूप एवं बरसात से बचाव के लिए शेड का निर्णय बैठक में लिया गया था। कांवरिया को चिलचिलाती धूप में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। --------अनुमंडल प्रशासन का है पुख्ता इंतजाम : सावन में भीड़ को देखते हुए एसडीओ नवनील कुमार, एसडीपीओ कृपाशंकर आजाद कंट्रोल रूम से गर्भ गृह, मेला परिसर एवं मंदिर के रास्ते में तैनात दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को स्वयं घुमघुम कर आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे। भीड़ को लेकर भाड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष पुलिस को विधि व्यवस्था के संधारण हेतु जिला से मंगवाया गया है। जो मेला एवं रास्ते के भीड़ को नियंत्रित करने में जुटी थी। वहीं श्रावणी मेला संचालन के संपूर्ण अवधि तक विधि व्यवस्था के समुचित संधारण हेतु पीजीआरओ बलबीर दास, पुलिस इंस्पेक्टर विद्यानंद पासवान दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी के वरीय प्रभार में रहेंगे तथा भ्रमण सील रहकर विधि व्यवस्था संधारण में आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। मेला नियंत्रण कक्ष के वरीय प्रभार में बीडीओ सरोज कुमार, थानाध्यक्ष मैराज हुसैन रहेंगे। वहीं दंडाधिकारी में सीओ अर्जुन कुमार विश्वास, मनरेगा पीओ रविद्र कुमार तांती, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी चन्द्रराज प्रकाश, सीआई विद्यानंद पासवान आदि प्रतिनियुक्त है। -------धीमेश्वर मंदिर का इतिहास पुराना : धीमेश्वर मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है। सैकड़ों वर्षों से कोशी-सीमांचल इलाके के लोगों द्वारा महाशिवरात्रि और श्रावण मास में गंगाजल से जल अर्पण करते आ रहे हैं। लेकिन वर्ष 2018 में स्थानीय विधायक कृष्ण कुमार ऋषि के पर्यटन मंत्री बनने के बाद 2018 में राज्य स्तर पर राजकीय श्रावणी महोत्सव का आयोजन होने लगा। उसी क्रम में इस वर्ष भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में इस मेले का आगाज हुआ है। 14 जुलाई 2022 को विधायक कृष्ण कुमार ऋषि के द्वारा मेला का उद्घाटन किया गया था।

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