प्यासी है धरती, फट रहा किसानों का कलेजा

संसू, सिमरीबख्तियारपुर (सहरसा) : मौसम की बेरुखी जारी है। सावन में जेठ जैसी गर्मी का एहसास लोग कर रहे हैं। तीखी धूप से धरती प्यासी है और इधर किसानों का कलेजा फट रहा है। लगातार तेज धूप से खेत सूखे हैं, धान के पौधे मुरझाए हैं और किसान की आंखों में पानी और माथे पर बल दिख रहा है। किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं लेकिन वर्षा के आसार नहीं दिख रहे हैं। किसान अब सुखाड़ की आशंका से सहमे हुए हैं।

बारिश नहीं होने के बाद भी किसानों ने किसी तरह धान की रोपाई की। मोटर पंप से पटवन कर कुछ दिन बचाया, लेकिन फिर भी बारिश नहीं हुई।अब बारिश नहीं होने से धान के पौधे जल रहे हैं। खेतों में दरार फट चुकी है। जिसके कारण धान पूरी तरह से बर्बाद होने के कगार पर है। कुछ किसानों ने तो धान जलने के कारण दुबारा धान का रोपाई की, लेकिन मौसम के लगातार दगा देने से वो चितित हैं। कुछ प्रखंडों में सिर्फ बूंदाबांदी बारिश हुई है, लेकिन वह किसानों के आवश्यकता से काफी कम है।

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आद्रा भी दिख रहा अधूरा
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आद्रा नक्षत्र भी पंद्रह दिन निकल चुका है, लेकिन एक भी दिन अच्छी वर्षा नहीं हुई है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान लगातार बदल रहा है। इससे किसान सहमे हुए हैं।
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गर्मी से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
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वर्षा नहीं होने के कारण गर्मी भी चरम पर है। जिससे लोग परेशान हैं। इस मौसम में सर्वाधिक परेशानी बच्चों व महिलाओं को रही है। बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम नहीं हो रहा है। विपरीत मौसम में लगातार स्कूल व कोचिग के कारण बच्चे परेशान हैं। वहीं घर में कैद महिलाओं की स्थिति भी खराब है।

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