बदलते मौसम में किसान ऊंचे खेतों में सब्जी की करें खेती

संवाद सूत्र, हलसी (लखीसराय) : बिहार के साथ-साथ लखीसराय जिला भी सूखे की चपेट में है। वर्षा के इंतजार में खरीफ फसल को काफी नुकसान पहुंच रहा है। धान की खेती करने वाले किसानों ने उम्मीद छोड़ दी है। चूंकि वर्षा के अभाव में धान की रोपनी तो बिचड़े भी खेतों में सूख रहे हैं। ऐसे में किसानों के लिए वैकल्पिक खेती ही जाने का एक रास्ता बच गया है। बदलते मौसम के अनुसार किसानों को ऊंचे खेतों पर सब्जी की खेती करनी चाहिए। कृषि विज्ञान केंद्र, हलसी के विज्ञानी डा. सुधीरचंद्र चौधरी ने बताया कि वर्षा नहीं होने से खरीफ फसल धान के बिचड़े सूख रहे हैं। कुछ किसान बोरिग से बिचड़े को बचाने में लगे हैं। वर्षा का इंतजार कर रहे किसानों को सब्जी की खेती की ओर रुख करना चाहिए। इसकी खेती कम वर्षा होने पर भी बोरिग के सहारे किसान कर सकते हैं। वर्तमान में सतपुतिया झिगुली, भिडी, कद्दू, बैगन, नेनुआ, मूली आदि की खेती कर सकते हैं। इसकी खेती ऊंचे खेत पर करें ताकि वर्षा और जल जमाव के समय में डूबने से बच सके। डा. सुधीरचंद्र चौधरी के अनुसार फसल लगाने के पहले किसान अपने खेतों को अच्छी तरह से जुताई करें। जुताई के दौरान संभव हो तो सड़े हुए गोबर का खाद खेत में डाल दें। इससे खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ती है। खेत की जुताई के बाद उसमें आवश्यकतानुसार कियारी बनाएं। इसके बाद तीन-चार दिन तक पानी में फुले हुए बीज की बोआई करें। बीज को पानी में फुलाए जाने से उसमें अंकुरण आती है जो फसल उगाने में मदद पहुंचाती है। कम समय में सब्जी का उत्पादन हो सकेगा और किसान खुशहाल हो सकेंगे। कृषि विज्ञानी ने कहा कि जिन किसानों को समस्या आए वे कृषि विज्ञान केंद्र आकर संपर्क कर सकते हैं।


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