लखीसराय प्रखंड की पंचायतों में भी पोखर खोदाई में फर्जीवाड़ा

संवाद सहयोगी, लखीसराय : मनरेगा योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रखंड स्तर पर मनरेगा पीओ की बहाली की गई है। इसके अलावा योजना के क्रियान्वयन में कनीय अभियंता, पीआरएस से लेकर पंचायत के मुखिया की भी अहम जिम्मेदारी तय की गई है। लेकिन जब सभी जिम्मेदार आपस में मिलकर मनरेगा योजना को लूट की योजना बना ले तो गांव का विकास कितना होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इन दिनों जिले में मनरेगा द्वारा अमृत सरोवर योजना के तहत पोखर खोदाई कर कार्य किया जा रहा है। लखीसराय प्रखंड की महिसोना, दामोदरपुर, मोरमा एवं कछियाना पंचायत के विभिन्न पोखर की जब डीडीसी सुधीर कुमार ने स्थलीय जांच की तो यहां भी लूट योजना का खुलासा हुआ है। मोरमा पंचायत पीर पोखर तालाब की खोदाई कार्य की जब डीडीसी ने जांच की तो पाया कि विभागीय निर्देश के अनुसार सूचना पट्ट नहीं लगाया गया है। यंत्रों के माध्यम से मिट्टी का उठाव किया जा रहा है। ग्रामीणों ने शिकायत की है कि गांव के दबंग लोग पोखर की मिट्टी की बिक्री करते हैं। डीडीसी ने तत्काल पीओ को कार्य बंद करने का आदेश दिया है। जांच में यह भी पाया गया कि आवश्यकता से अधिक राशि का प्राक्कलन बनाकर सहायक अभियंता ने योजना की स्वीकृति दी है। डीसीसी ने महिसोना पंचायत के पनघरा गांव के गुहिया पोखर और कटैया पोखर के खोदाई कार्य की जांच की तो वहां भी गड़बड़ी पाई। कछियाना पंचायत अंतर्गत विक्कम गांव स्थित बड़की पोखर की जब डीडीसी ने जांच की तो पाया यहां भी गलत तरीके से मास्टर रोल भरकर राशि निकासी की तैयारी की गई थी। दामोदरपुर पंचायत के बिहरोरा में शिव मंदिर के पास पोखर खुदाई में जितना कार्य हो गया है उससे अधिक कार्य की जरूरत नहीं है। मनरेगा पीओ और सहायक अभियंता द्वारा नौ लाख रुपये की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है जिसकी जरूरत नहीं थी। इसी पंचायत के खड़गवाड़ा गांव स्थित बड़की पोखर की खोदाई कार्य में भी अनियमितता उजागर हुई। एक सप्ताह के अंदर संबंधित पोखर के पास पौधारोपण शुरू करने का आदेश दिया है।


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