बागमती प्रमंडल के एसडीओ पर फायरिग मामले में दोनों आरोपितों ने किया सरेंडर

सीतामढ़ी। बागमती प्रमंडल के कार्यालय स्थित परिसदन में पिछले हफ्ते अवर प्रमंडल पदाधिकारी कन्हैया प्रसाद पर फायरिग के मामले में फरार दोनों आरोपितों ने बुधवार को न्यायालय में आत्मसर्पण कर दिया। एसडीपीओ सदर सुबोध कुमार ने बताया कि पुलिस की दबिश के चलते दोनों को सरेंडर करना पड़ा। फायरिग के मामले में बागमती प्रमंडल कार्यालय के लिपिक रंजीत कुमार को डुमरा थाना पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज रखा है। एसडीपीओ के मुताबिक, विश्वनाथपुर के विकास कुमार व जितेंद्र यादव ने सरेंडर किया है। बागमती अवर प्रमंडल पदाधिकारी कन्हैया प्रसाद के बयान पर इस मामले में डुमरा थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। पीरो भोजपुर के जमुहार गांव के रहने वाले कन्हैया प्रसाद ने कहा था कि बागमती कार्यालय में उच्च वर्गीय लिपिक के पद पर सुरसंड का रंजीत कुमार सिंह कार्यरत है। उसके साथ दो व्यक्ति जितेंद्र कुमार पिता विनोद राय एवं विकास कुमार पिता हनुमान प्रसाद यादव आए थे। उक्त दोनों ने तटबंध पर रखने वाले बोरा देने की मांग की। इसपर मैं बोला कि अभी बोरा नहीं है। उपलब्ध हो जाने दिया जाएगा। तब तीनों धमकी देकर उस समय चले गए। इसी रंजिश को लेकर 13 जुलाई अधवारा समूह के तटबंधों का निरीक्षण कर बागमती कालोनी स्थित बागमती निरीक्षण भवन के किचेन के पास खड़े थे तभी जितेंद्र कुमार, विकास कुमार आकर बोले कि तटबंध पर रखे जाने वाले बोरा क्यों नहीं देते हो। दु‌र्व्यवहार करते हुए गाली-गलौज करने लगे। इतने में जितेंद्र कुमार अपनी कमर से पिस्टल निकालकर तान बैठा। जान मारने की नीयत से फायर की। हम झुक गए और गोली अन्यत्र चली गई। फिर दोबारा फायरिग की तो विकास ने अपने साथी जितेंद्र का हाथ पकड़ लिया जिससे गोली दीवार से टकरा गई। फिर दोनों व्यक्ति धमकी देते हुए वहां से फरार हो गए।


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