जमीर को अब नहीं है सीने में दर्द, कराया टीबी का सफल इलाज

जासं, सहरसा: टीबी एक संक्रामक एवं जानलेवा बीमारी है। यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। सरकार द्वारा अभियान चलाकर टीबी मरीजों की खोज एवं उनका सफल इलाज किया जाता रहा है। 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का विभाग ने संकल्प लिया है।

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छह माह तक नियमित दवा सेवन कर हुए स्वस्थ
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पेशे से मजदूर फकीर टोला के मु. जमीर अचानक बीमार हो गये। अन्य लोगों की तरह वे अपना इलाज स्थानीय चिकित्सक से करवाया। लेकिन उनकी परेशानी दूर नहीं हो रही थी । इस बीच उनके सीने का दर्द उन्हें बहुत अधिक परेशान करने लगा था। बढ़ती परेशानी को देख जमीर सदर अस्पताल सहरसा अपना इलाज करवाने पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उनकी प्रारंभिक जांच में टीबी ग्रसित होने की आशंका व्यक्त की। जिसमें टीबी ग्रसित होने की पुष्टि हुई। टीबी की पुष्टि होने के बाद मु. जमीर को लगा कि वे अब पूरी तरह से कभी ठीक नहीं हो पायेंगे। लेकिन सदर अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उनका सफल इलाज किया गया। चिकित्सकों की देखरेख में छह माह तक नियमित रूप से दवा का सेवन करना पड़ा। अब वे पूरी तरह से ठीक हो गये हैं। टीबी का इलाज बीच में नहीं छोड़ा जा सकता है।

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टीबी सहित अन्य कई गंभीर बीमारियों का किया जाता है मुफ्त इलाज
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फकीर टोला के निवासी जमीर ने बताया कि किसी को भी अपनी बीमारी छिपानी नहीं चाहिए। लोग सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज नहीं करवाना चाहते हैं। जबकि सरकारी अस्पताल में सभी प्रकार के रोगों के इलाज की समुचित एवं सुव्यवस्थित व्यवस्था है। वहां एक साथ कई प्रकार के रोगों का इलाज मुफ्त में किया जाता है। लोग परेशानी बढ़ने पर सरकारी अस्पताल का रुख करते हैं। सरकारी अस्पतालों में रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की देख रेख में कई गंभीर बीमारियों का उचित इलाज हो रहा है।

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