सिविल सर्जन के अभद्र भाषा को लेकर बनमनखी में उबाल

संस, बनमनखी (पूर्णिया)। जहां एक ओर राज्य सरकार द्वारा थोक में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के तबादले पर तबादले किए जा रहे हैं। वहीं बनमनखी अनुमंडलीय अस्पताल में अधिकारी, चिकित्सक के अलावा स्वास्थ्य कर्मी कई वर्षों से अंगद के पैर की तरह जमे हुए हैं। जिसकी वजह से ना सिर्फ कामकाज प्रभावित होता है बल्कि एक हीं जगह पर कर्मियों के जमे रहने से भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता है। यही कारण है कि सरकारी कर्मियों का जिला एवं राज्य स्तर पर तीन वर्षों पर स्थानांतरण का प्रावधान है।

बताया जाता है कि वर्ष 2016-17 में स्थानांतरण हुआ था। जिसमें कई लोगों ने अपना स्थानांतरण रूकवा लिया था। विभागीय सूत्रों की मानें तो अस्पताल में कई ऐसे स्वास्थ्य कर्मी हैं जो पिछले कुछ वर्षों से एक ही जगह जमे हुए हैं। जिला भर में चिकित्सक हो या कर्मी उनकी पहली प्राथमिकता बनमनखी अनुमंडलीय अस्पताल होती है। यहां आ जाने के बाद वे यहां से हटना नहीं चाहते हैं। जिस कारण यहां विभिन्न पदों में पदस्थापित कर्मी जमे हुए हैं। यहां रहने से जिला मुख्यालय का भी उन्हें कई तरह के फायदे भी मिल जाते हैं। अस्पताल में जमे स्वास्थ्य कर्मी एक ही दफ्तर में कुडंली मार कर बैठे हैं। अगर बदली हो भी जाता है तो कुछ दिन बाद फिर पैसा दे-ले कर बनमनखी ट्रांसफर करवा लेता है। जहां उनकी मर्जी के बगैर पत्ता तक नहीं हिलता हैं। यह अलग बात है की अस्पताल में कर्मियों की भी काफी कमी है। जिसकी वजह से उनपर काम का काफी लोड रहता है। --------

सोशल साइट्स पर लोगों ने मांग की सिविल सर्जन अपने बयान को वापस लें : अनुमंडलीय अस्पताल में व्याप्त अराजकता एवं विभिन्न मूलभूत सुविधाओं को लेकर रोगी कल्याण समिति के सदस्य रंजीत गुप्ता के द्वारा मांग करने पर पूर्णिया के सिविल सर्जन डा. एसके वर्मा द्वारा रोगी कल्याण समिति के सदस्य रंजीत गुप्ता के साथ अपशब्द भाषा का इस्तेमाल किया गया था। जिस से बनमनखी के युवाओं एवं सोशल मीडिया पर सक्रिय युवाओं के द्वारा कड़ी निदा एवं भ‌र्त्सना की गई। इसमें मुख्य रूप से सोशल मीडिया एक्टिविस्ट रविद्र कुमार यादव, नीरव गुप्ता, विवेक कुमार सिंह, अमरनाथ बाबा, राजीव रंजन, श्याम कुमार यादव आदि ने मांग किया कि इस बयान को सिविल सर्जन वापस लें। अस्पताल में व्याप्त अराजकता एवं मूलभूत सुविधाओं को जल्द पूरा करने की पहल करें, अन्यथा बनमनखी के तमाम सामाजिक राजनीतिक एवं बुद्धिजीवी आमजन को आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा। जिसकी जवाबदेही जिला स्वास्थ्य प्रबंधन पूर्णिया की होगी। -बनमनखी अस्पताल में जो चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी वर्षों से एक हीं जगह जमे हुए हैं। उनका स्थानतरण होना चाहिए। अगर वर्षों से जमे चिकित्सक एवं अन्य कर्मियों का स्थानतरण नहीं होता है तो इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि उनके ऊपर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। एक जगह जमे रहने से विधि व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक वातावरण पर भी असर डालता है। -देवनारायण रजक, पूर्व विधायक, बनमनखी
-अनुमंडलीय अस्पताल के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक पिछले कई सालों से पदस्थ होकर अपनी राजनीतिक पहुंच का परिचय दे रहे हैं। अस्पताल के महत्वपूर्ण विभागों में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक कई वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हैं। ज्यादा दिनों तक रहने से कर्मियों और स्थानीय लोगों में घनिष्ठता बढ़ जाती है। जिसका लोग द्रपियोग करते हैं। सीएस की अमर्यादित शब्दों की भी निदा करता हूं। -संजीव कुमार उर्फ सोना पासवान, पूर्व प्रत्याशी, बनमनखी
-शासन की तबादला नीति का नियमानुसार पालन किया जाना चाहिए ना कि राजनेताओं के कहने पर किसी की पदस्थापना या स्थानांतरण होनी चाहिए।बनमनखी अनुमंडलीय अस्पताल सहित अन्य कार्यलयों में पदस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों शासन की तबादला नीति को ठेंगा दिखा रहे हैं। यहां कर्मचारी-अधिकारी अपनी राजनीतिक पकड़ के चलते वर्षों से पदस्थ होकर जमकर चांदी काट रहे हैं। सरकार एवं जिला प्रशासन जनहित को देखते हुए ऐसे कर्मचारियों एवं अधिकारियों को सूचीबद्ध कर हटाया जाना चाहिए। ताकि लोगों को अच्छी तरह से सुविधाएं मिल सके। -उपेंद्र शर्मा, पूर्व प्रत्याशी, बनमनखी
-अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी में पदस्थापित चिकित्सक, एचएम, एएनएम आदि कर्मी एक जगह आपना आसन जमाकर लूट घसोट कर गरीब प्रसव महिला से पेसा का दोहन कर रहा है। सिविल सर्जन ने जो वहां के स्थानीय समाजिक कार्यकर्ताओं के साथ अभ्रद भाषा का प्रयोग किया है वो कहीं से उचित नहीं है। सुशासन बाबू और जिला प्रशासन ऐसे चिकित्सकों एवं कर्मियों को तुरंत यहां से हटाएं। -श्याम कुमार यादव, कार्यकारी प्रखंड अध्यक्ष, बनमनखी

अन्य समाचार