भीमशंकर महादेव मंदिर के आय-व्यय को नहीं किया जा रहा सार्वजनिक

संवाद सूत्र, राघोपुर (सुपौल) : प्रखंड के धरहारा भीमशंकर महादेव मंदिर कमेटी के सचिव द्वारा वर्षों से आय-व्यय का लेखा-जोखा नहीं देने तथा मंदिर कमेटी को अवैध तरीके से नियम के विरुद्ध संचालित करने के विरोध में स्थानीय दर्जनों लोगों, जनप्रतिनिधियों एवं कमेटी के सदस्यों ने जिलाधिकारी व बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड पटना को आवेदन देकर व्याप्त अनियमितता पर रोक लगाने एवं नए सिरे से कमेटी का गठन करवाने की गुहार लगाई है। आवेदन में कहा गया कि 2017 में आम सभा के द्वारा तीन वर्षों के लिए कमेटी का गठन कर चयनित कमेटी का बायलाज बनाकर सार्वजनिक करने की जिम्मेदारी दी गई थी। आयोजित आमसभा में निर्णय लिया गया था कि नव चयनित समिति सचिव प्रति माह बैठक एवं प्रत्येक तिमाही पर आम सभा बुलाकर आय-व्यय का लेखा-जोखा सार्वजनिक करेंगे, जो पांच वर्ष बाद भी नहीं किया गया। आवेदन में लोगों ने मंदिर कमेटी पर आरोप लगाते कहा है कि मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला के बुकिग, वाहन पार्किंग, मुंडन से प्राप्त आय, विवाह, अष्टयाम संकीर्तन के मद में श्रद्धालुओं द्वारा जमा राशि, बाबा भीमशंकर पर चढ़ावा की राशि, कीमती धातु सहित कई ऐसे आय के स्त्रोत हैं जिनसे प्राप्त राशि आजतक नियमित तरीके से मंदिर खाते में जमा नहीं होती है। श्रद्धालुओं के वाहन पार्किंग के मद में बिना किसी रसीद के राशि की वसूली की जाती है जिसका मंदिर के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है। इसे लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार कमेटी के पदेन अध्यक्ष सह अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर शिकायत भी दर्ज कराई बावजूद इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। कहा गया है कि मंदिर परिसर स्थित शिवगंगा तालाब को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से मछली पालन हो रहा है, जिससे मंदिर को प्रतिवर्ष लाखों का आय प्राप्त होता है। नियम है कि प्रतिवर्ष कमेटी के सदस्यों की बैठक बुलाकर पोखर की नीलामी कराकर प्राप्त आय को मंदिर न्यास कमेटी के खाते में जमा कराया जाए लेकिन पांच वर्ष में आजतक एक बार भी विधिवत मछली को नहीं बेचा गया। मनमाने तरीके से मंदिर पोखर से मछली बेची गई है। लोगों ने कहा कि मंदिर में व्याप्त अव्यवस्था एवं अनियमितता के विरुद्ध मंदिर कमेटी के अध्यक्ष के पास शिकायत करने पर कहा गया था कि आम बैठक बुलाकर आय-व्यय को सार्वजनिक किया जाएगा जिसे वर्षों बीत गए।


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