प्रकृति मेहरबान किसानों के सूखे चेहरे पर वर्षा से छाई मुस्कान

संवाद सहयोगी, किशनगंज : मानसून में आग बरसाते आसमान से वर्षा की बूंद बरसते ही किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दिया है। सावन का महीना किसानों के लिए वरदान साबित होने लगा है। कई दिनों से वर्षा के इंतजार में आसमान की ओर टकटकी लगाए किसान दो दिनों की वर्षापात के बाद से खेतों में रोपनी के काम में व्यस्त हो गए हैं। तीन दिनों पूर्व तक जिले में वार्षिक अनुपात से 78 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी। खेतों में पड़े बिचड़े भी सुखने के कगार पर था। कई किसान डीजल से सिचाई कर बिचड़े को बचाने में लगे थे। जबकि पिछले दो दिनों में 21.43 एमएम वर्षा हुई है।


जिले में वर्षा के एक-एक बूंद को तरसते किसानों के लिए सावन का महीना शुभफलदायी साबित हुआ। मानसून की दो दिनों की वर्षा ने खेतों में पड़ रहे दरार के साथ किसानों के माथे की सिकन को भी दूर कर दिया है। जिले में सिचाई हेतु प्रकृति पर अधिकतम निर्भरता है। जबकि प्रखंडों में वार्षिक आंकड़ो की तुलना वर्षापात की कमी लगभग 70 से 80 प्रतिशत रही। इसके कारण किसानों को रोपनी में समस्या आ रही थी। पिछले 22 व 23 जुलाई को 9.40 व 12.03 एमएम बारिश ने सूखे खेतों में नाउम्मीदी के बीच रोपाई फिर से शुरु हो गई है। एक जून से 22 जून तक प्रखंडवार वर्षा::
बहादूरगंज ------------ 21.80 एमएम
दिघलबैंक ------------- 71.40 एमएम
किशनगंज ------------ 51.60 एमएम
कोचाधामन ----------- 25.80 एमएम
पोठिया --------------- 78.80 एमएम
टेढ़ागाछ ------------- 68 एमएम
ठाकुरगंज -------------119.20 एमएम
(आंकड़े कृषि विभाग के अनुसार किशनगंज कार्यालय)

अन्य समाचार