सीमैम कार्यक्रम से समुदाय स्तर पर लोगों को मिल रहा है लाभ

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। जिले में युनिसेफ के सहयोग से सीमैम ( समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम) को लागू किया गया है। केनगर सफलता के बाद अब जिले में अन्य प्रखंडों में विस्तारित किया जा रहा है।यूनिसेफ के पोषण सलाहकार देबाशीष घोष ने बताया कि शारीरिक रूप से बेहद दुबले-पतले और कमजोर नजर आने वाले बच्चे अब स्वस्थ हो रहे हैं। समुदाय कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम (सीमैम) कार्यक्रम के अंतर्गत सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम, आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका, सहायिकाओं, आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी ली जाती है। कुपोषण की वजह से बेहद दुबले पतले होने के कारण बच्चों के शरीर की हड्डियां दिखने लगती हैं। ऐसे बच्चे को पोषण अमृत उपलब्ध कराया जाता है। कुपोषण के लक्षणों और इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूक भी किया जाता है। कार्यक्रम के तहत साधारण या बेहद कमजोर समुदाय के लोगों को इस पर उचित सलाह दी जाती है। पोषण पुनर्वास केंद्रों में की जाती है भर्ती -:


राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों को पौष्टिक आहार दी जाती है। कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार खिलाकर पोषणयुक्त बनाया जाता है। पांच वर्ष से कम और गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों में चिकित्सकीय जटिलताएं भी रहती है। चिकित्सीय और पोषण से संबंधित सुविधाएं प्रदान कर केंद्र में उपचार होता है। एनआरसी में आने वाले सभी बच्चों की मां को देखभाल के लिए रखा जाता है। देखभाल और खानपान से संबंधित कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है।
2018 से संचालित हो रहा है एनआरसी -
वर्ष 2018 से संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में 2021-2022 के दौरान 126 नवजात शिशुओं व बच्चों का उपचार हुआ। इसमें 85 फीसद स्वास्थ हुए। चिकित्सीय उपचार के अन्य को बाहर भेजा गया। वर्ष 2022 के अप्रैल से लेकर जून महीनों तक 56 बच्चों का इलाज किया गया। छह वर्ष तक के अति कुपोषित बीमार बच्चों को भर्ती की जाती है। कम से कम 14 दिन या अधिकतम जब तक बच्चा ठीक हो नहीं जाता तबतक रखी जाती है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज तत्व युक्त भोजन आहार पोषण प्रदान किया जाता है। एनआरसी में उपचार के लिए आने वाले बच्चों की देखभाल शिशु रोग विशेषज्ञ, प्रशिक्षित स्टाफ नर्स और डायटीशियन करती हैं। एनआरसी से बच्चों की छुट्टी होने के बाद लगभग 4 बार फालोअप किया जाता है।
--------------------------------------------------------------------

अन्य समाचार