सहयोगी नीरज ने ही छिनतई की लिखी थी पटकथा

संवाद सूत्र, जमालपुर (मुंगेर) : 20 जुलाई की दोपहर जमालपुर-मुंगेर पथ पर स्थित सफियासराय ओपी क्षेत्र अंतर्गत दिलीप नगर के समीप पांच लाख रुपये की छिनतई हुई थी। मुंगेर के रामलीला मंदिर के पुजारी सत्येंद्र कुमार चौबे से हथियार के बल पर लाल बाइक सवार बदमाशों रकम छीन लिया था। इस मामले से पुलिस ने पर्दा हटा दिया है। 96 घंटे बाद पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने राहत की सांस ली है। रामलीला मंदिर के पुजारी ने घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंची जमालपुर पुलिस सहयोगी रामपुर भिखारी के नीरज कुमार केसरी पर शक होने की आशंका जताई थी, तब से पुलिस नीरज से लगातार पूछताछ कर रही थी। पुलिस को भी उसकी भूमिका संदिग्ध लग रही थी। नीरज की भूमिका सवालों के घेरे में थी।


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तकनीकी सेल और विज्ञानी अनुसंधान में मिली
दिनदहाड़े छिनतई की घटना को अंजाम देकर लाल रंग की अपाचे बाइक से जमालपुर की दिशा में भागे बदमाशों की पहचान करने में पुलिस ने तकनीकी सेल का मदद लिया था। विज्ञानी अनुसंधान से पूरे मामले का पर्दाफाश किया गया। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में जो तस्वीर सामने आई थी उसमें घटना को अंजाम देकर भाग रहे बदमाश में चालक ने हेलमेट पहन रखा था और पीछे बैठे बदमाश ने मुंह में गमछा लपेट रखा था।
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एसपी ने गठित की थी टीम
पुलिस अधीक्षक जग्गुन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी ने सफियासराय ओपी में पुरोहित से हुई पांच लाख की छिनतई मामले का पर्दाफाश करने के लिए टीम गठित की थी। सफियासराय ओपी अध्यक्ष नीरज ठाकुर, जमालपुर थाना अध्यक्ष सर्वजीत कुमार व लागर सेल प्रभारी मजहर मकबूल के नेतृत्व में पूरे मामले का पर्दाफाश करने का टास्क सौंपा था। जमीन खरीदने के लिए जमालपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक में पांच लाख रुपए जमा करने के लिए मुंगेर से जमालपुर आ रहे पुरोहित से दिलीप नगर में हथियार के बल पर बाइक सवार बदमाशों ने पैसे छीने थे। 96 घंटे बाद पुलिस को सफलता मिली और घटना में शामिल एक युवक को गिरफ्तार किया है।
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जमीन धंधे से जुड़ा है मामला
मुंगेर के बड़ी बाजार की एक जमीन को लेकर पुरोहित खरीद बिक्री कराना चाहते थे। इस एवज में जमीन मालिक को अग्रिम राशि भुगतान के लिए पैसे जमा करने की बात कही थी। पुरोहित मुंगेर बेकापुर के स्वर्ण व्यवसायी से पांच लाख रुपये कर्ज लिया था। पुजारी पैसे को मुंगेर स्थित बैंक में ही जमा करना चाह रहा था, पर सहयोगी नीरज कुमार केसरी ने यह कहते हुए जमालपुर जाने की बात कही की वहां उसका बैंक खाता है। जांच में मालूम चला कि नीरज का वहां कोई खाता नहीं है।

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