गंगा का बढ़ रहा जलस्तर, नहीं मिल रही मछलियां, सैकड़ों के समक्ष आजीविका पर संकट

संवाद सूत्र, हेमजापुर (मुंगेर) : गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा में मछलियां नहीं मिल रही है। धरहरा प्रखंड अंतर्गत हेमजापुर गांव के 15 सौ मछुआरों के घरों में आजीविका पर संकट हो गया है। मछुआरों का कहना है कि जिस तरह किसानों को कृषि अनुदान दिया जाता है ठीक उसी तरह इन मछुआरों को भी तीन माह तक परिवार चलाने के लिए गुजारा भत्ता दिया जाना चाहिए। वर्ष के तीन माह अगस्त, सितंबर और अक्टूबर तक गंगा नदी में प्रशासन की ओर मछली के शिकार माही पर रोक रहता है। दरअसल, अगस्त माह से गंगा नदी का पानी मटमैला हो जाता है। जहां-तहां की पहाड़ी पानी आने की वजह से ऐसी स्थिति बन जाती है। पानी मटमैला होने की वजह से मछलियां पानी में ज्यादा विचरण नहीं करती है। कल-कारखानों और गंदे तालाबों से गंगा नदी में पानी आने के कारण यह दूसरे रंग का दिखने लगता है। बताया जाता है कि इन दिनों मात्र कुछ ही प्रजाति की मछलियां गंगा नदी में मिल रही है और उसी से किसी तरह इन गरीब मछुआरों का गुजारा हो रहा है।


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तीन माह मछलियों के प्रजनन का समय :
मछुआरों का कहना है कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में अधिकांश मछलियां अपने अंडे पानी में छोड़ती है। यह प्रजनन का समय होता है। अधिक खतरा नहीं लेने की स्थिति में मछली किसी एक किनारे पर जाकर अपने अंडे छोड़ती है। इस स्थिति में तीन माह तक के लिए प्रशासन की तरफ से भी मछली के शिकार पर अघोषित रूप से रोक लगी होती है। सरकार के निर्णय पर अमल करते हुए सभी लोग तीन माह तक गंगा नदी में मछली का कम शिकार करते हैं। मछलियों से ही उन लोगों की आजीविका चलती है। ऐसी स्थिति में उन लोगों को परिवार चलाना बेहद मुश्किल हो जाता है। अगर तेज बारिश होगी तो गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होगी। इसे जितनी भी मछलियां मिल रही है वह भी नहीं मिल पाएगी।
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निबंधित मछुआरों को मिले गुजारा भत्ता
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की तरफ से मछुआरों की नौकाओं को निबंधित किया गया। इस तरह निबंधित नवका हो के मालिकों को इस तीन माह तक सरकार की तरफ से गुजारा भत्ता दी जानी चाहिए। मत्स्य जीवी का सहयोग समिति के पूर्व पदाधिकारी राम प्रताप नारायण उर्फ टुनटुन चौधरी ने बताया कि धरहरा प्रखंड में तकरीबन 1500 से अधिक मछुआरे मछली का शिकार कर अपना जीवन यापन करते हैं। वीआइपी के जिलाध्यक्ष अरविद कुमार निषाद ने इन मछुआरों को गुजारा भत्ता दिए जाने की मांग सरकार से की है।

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