सूअरों की मौत से खगड़िया में दहशत



जागरण संवाददाता, खगड़िया: पिछले एक पखवाड़े से जिले में सूअरों की मौत हो रही है। इससे दहशत व्याप्त है। यहां मुख्य रूप से मलिक परिवार सूअर पालते हैं। अफ्रीकन स्वाइन फीवर की आशंका जताई जा रही है। जिला पशुपालन पदाधिकारी मु. मोईउद्दीन का कहना है कि जब तक जांच नहीं हो जाती है, तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है। अगर अफ्रीकन स्वाइन फीवर निकला, तो इसका कोई इलाज नहीं है। इधर सूअर की मौत को लेकर अब नई-नई जानकारी सामने आ रही है।
पिछले 15 दिनों में लगभग तीन सौ सूअरों की मौत हो चुकी है। मौत के 24 घंटे के बाद सूअर का शरीर गलने लगता है। इसमें कीड़े हो जाते हैं।

सोनू मलिक के पास आठ सूअर थे, सभी मर गए। सोनू मलिक के अनुसार एक सूअर की कीमत पांच हजार से एक लाख तक होती है। वजन के हिसाब से उसकी कीमत होती है। ढाई सौ रुपये प्रति किलो इसका मांस बेचा जाता है। वे कहते हैं-पश्चिम बंगाल से आकर व्यवसायी यहां से सूअर लेकर जाते हैं। शहर के सबसे बड़े सूअर पालक चंदेश्वरी मलिक ने बताया कि सूअर की कुछ ही देर में छटपटा कर मौत हो जा रही है। उनके दो सौ सूअर काल के गाल में समा गए हैं।
बीते एक पखवारा से जिला मुख्यालय स्थित मलिक परिवारों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। मलिक परिवारों की आय का मुख्य साधन सूअर पालन और बांस से टोकरी, कोनिया, सूपति आदि तैयार करना है। लेकिन एक पखवारा से यहां सूअर अज्ञात बीमारी का शिकार होकर मर रहे हैं। उधर सोमवार को भी पूर्वी केविन रेलवे ढाला के समीप रेलवे के गड्ढे में सूअरों की मौत की जानकारी मिली है। मालगोदाम रोड से भी ऐसी सूचना प्राप्त हुई है। सूअर पालकों की माने तो सूअर के नाक से खून बहता है और चक्कर के बाद मौत हो जा रही है। कोट सूअरों की मौत का आंकड़ा नहीं है। लेकिन इसकी जानकारी पटना हेडक्वार्टर को दी गई है। एक से दो दिनों में जांच टीम खगड़िया आ जाएगी। अगर अफ्रीकन स्वाइन फीवर निकला तो इसका न तो कोई ट्रीटमेंट है और न ही टीकाकरण। -डा. मोईउद्दीन, जिला पशुपालन पदाधिकारी, खगड़िया कोट लगातार बड़ी संख्या में हो रही सूअरों की मौत की जानकारी विभाग को दी गई है। 27 जुलाई को जांच टीम खगड़िया आ रही है। जो सूअर में फैली बीमारी का जांच करेगी। -आलोक रंजन घोष, जिलाधिकारी, खगड़िया

अन्य समाचार