कोसी में जाली नोट खपाने की जुगत लगे हैं तस्कर

जासं, सहरसा: नोटबंदी के बाद जाली नोट के चलन पर लगभग विराम लग गया था। लेकिन समय के साथ ही तस्कर जाली नोट बाजार में फैलाने लगे हैं। यही नहीं बैंक में भी जाली नोट को खपाने की जुगत भिड़ा रहे हैं। सोमवार को स्टेट बैंक में जमा किये गये 5.50 लाख के पांच सौ रुपये के नोट में से दो लाख 25 हजार रुपये जाली मिलने के बाद सनसनी फैल गई है। वैसे, एसपी के निर्देशन में पुलिस मामले की जांच में जुटी है। सीएमएस के एक कर्मी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

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कहां से आया जाली नोट
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पहले इक्के-दुक्के जाली नोट मिलते रहे हैं। कुछ माह पूर्व मत्स्यगंधा मेला में पांच जाली नोट मिला था। लेकिन शिकायत नहीं होने के कारण मामला रफा-दफा हो गया। इसके अलावा बाजार में कभी-कभार जाली नोट मिलते थे। लेकिन व्यापक पैमाने पर जाली नोट मिलने के बाद सवाल उठ रहा है कि रुपये कहां से आए थे।
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बड़े रैकेट के शामिल होने की आशंका
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जाली नोट के तस्करी में बड़े रैकेट होने की आशंका जताई जा रही है। सीएमएस के एक कर्मी मात्र से जाली नोट बड़े पैमाने पर खपाने की कोशिश किया जाना सवाल बन गया है। जानकारी के अनुसार सीएमएस बड़े कंपनी या व्यवसायी के यहां से रुपये लेकर बैंक में जमा करती है। रुपए प्राप्त करने के साथ ही सीएमएस कर्मी द्वारा प्राप्ति रसीद दे दी जाती है। इस एवज में कंपनी या व्यवसायी द्वारा तय कमीशन दिया जाता है।
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सीएमएस की गतिविधि पर उठ रहे सवाल
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सीएमएस कर्मी को पैसे देकर कंपनी या व्यवसायी निश्चित हो जाते हैं। लेकिन अब सीएमएस के गतिविधि पर भी सवाल उठने लगा है। पिछले दिनों मधेपुरा में हुई लाखों की लूट का पैसा सीएमएस का ही था। इसी तरह वर्ष 2021 के दिसंबर माह में सीएसएस के प्रबंधक ने 17 लाख के गबन का मामला दर्ज कराया था। वर्ष 2019 में लूट की झूठी कहानी गढ़ी गई थी। जिसमें कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। इन घटनाओं को अगर देखे तो कई सवाल अब उठने लगे हैं। प्रशिक्षु डीएसपी निशिकांत भारती कहते हैं कि मामले की जांच चल रही है। जांच के बाद ही कुछ पता चल सकेगा।

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