बनमनखी अस्पताल में पेयजल संकट, खरीदकर लाते हैं पानी

सोहन कुमार, बनमनखी (पूर्णिया)। बनमनखी अनुमंडलीय अस्पताल अपने स्वास्थ्य व्यवस्था के स्वर्णिम काल को खोता जा रहा है। उक्त अस्पताल तीन जिला की सीमा पर स्थित है। जिनके ऊपर चार लाख की आबादी निर्भर है। यहां एक समय इलाज की बेहतर व्यवस्था के कारण लोग दूर-दूर से पहुंचते थे। वहीं उत्तर भारत का पहला पी.पी.सी.टी.सी जांच केन्द्र एवं बिहार की पहला माडल लेबर रूम प्राप्त अस्पताल की व्यवस्था हर दिन धरातल पर गिरती जा रही है। यहां वर्तमान में कुव्यवस्था, भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इतना बड़ा अस्पताल में पीने का पानी तक का व्यवस्था नहीं है। इसके बारे में अस्पताल प्रबंधन की मानें तो विभागीय कारण बताया जाता है।


अस्पताल में पीने की पानी तक की व्यवस्था नदारद है। आरओ खराब पड़ा है। मरीजों के स्वजन अस्पताल प्रांगण स्थित दुकान से बोतल बंद पानी खरीद कर लाते हैं। जब वरीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का निरीक्षण होता है तो उस दौरान अधिकारी और जनप्रतिनिधि अस्पताल को ऑल इज वेल का सर्टिफिकेट दे देते हैं। बनमनखी अनुमंडलीय अस्पताल का करोड़ों रुपए खर्च कर विस्तार किया गया है। सुविधाओं के लिए कई आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध हैं। इसी को देखते हुए अस्पताल में लोग दूर-दराज से इलाज के लिए आते हैं। ओपीडी के बाहर लंबी कतारें लगी रहती हैं। भीषण गर्मी में लोग लंबी यात्रा करके यहां पहुंचते हैं। ऐसे में प्यास लगना लाजमी होता है। यहां आने वाले मरीजों व उसके परिजनों को भले ही परामर्श से लेकर उपचार तक नि:शुल्क मिल रहा है, लेकिन पीने के पानी के लिए यहां पर पैसा खर्च करना पड़ रहा है।
---------------------------------
कोट के लिए
- अस्पताल में मरीजों व उनके परिजनों तथा अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पीने का पानी के लिए आरओ लगाया जा रहा है। शीघ्र हीं अस्पताल में लोगों आरओ का पानी मिलना शुरू हो जाएगा।
-डा. प्रिस कुमार सुमन, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अनुमंडलीय अस्पताल, बनमनखी

अन्य समाचार