चुनाव में महिला प्रत्याशियों की सिर्फ रहती है दावेदारी, प्रतिनिधि ही निभाते हैं भागीदारी

संवाद सहयोगी, किशनगंज : नगर परिषद चुनाव को लेकर चर्चा धीरे-धीरे तेज होती जा रही है। ऐसे में महिला प्रत्याशी वाले वार्ड में महिला पति एवं प्रतिनिधि अभी से गुणा भाग में जुट गए हैं। चुनाव आने के समय ऐसे महिला प्रत्याशियों की दावेदारी तो दिखती है, लेकिन चुनाव के बाद विकास कार्यों में इनकी भागीदारी नग्न रहती है। ऐसे में महिला सशक्तीकरण को लेकर सरकार का प्रयास धरातल पर पूर्ण रूप से उतरते नहीं दिख रहा है। महिलाओं को चाहिए की वह अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाएं। ताकि महिला सशक्तीकरण की सार्थकता लोगों के बीच दिखे और महिलाएं आगे बढ़े।


आगामी नगर परिषद चुनाव को लेकर अभी से महिला वार्ड, आरक्षण वार्ड और पद को लेकर घमासान शुरू हो गया है। कई अपनी दावेदारी पेश कर चुनाव में उतरने का ताल ठोक रहे हैं, जिसमें महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड में उसके प्रतिनिधि की सक्रियता बढ़ गई है। पिछले नगर परिषद चुनाव में नगर परिषद के 34 वार्ड में से 18 वार्ड में महिला प्रत्याशी चुनाव जीत थी और 60 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की थी। लेकिन महिलाओं की उपस्थिति नगर परिषद में नहीं के बराबर रहा जो इस बात की तस्दीक करता है कि महिलाएं अभी भी सिर्फ स्टांप के तरह काम कर रही है। बताते चलें कि नगर परिषद के पिछले कार्यकाल में चुनाव बाद 14 जून को हुई। बोर्ड की पहली बैठक में महिला पार्षदों की उपस्थिति मात्र 90 प्रतिशत रही। जबकि तीन महिला पार्षद अनुपस्थित रहीं। वहीं बोर्ड की कुल बैठकों में महिला प्रत्याशियों के उपस्थिति का आंकड़ा 50 प्रतिशत भी नहीं रहा। कई महिला पार्षद एक बैठक के बाद कभी किसी बैठक में हिस्सा भी नहीं ली।
बिहार सरकार ने महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था। किशनगंज नगर परिषद के लिए हुए निकाय चुनावों में 60 प्रतिशत महिलाओं ने जीत दर्ज कर कीर्तिमान स्थापित किया था। कितु क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए निर्णय लेने के मामले में स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ। नगर परिषद के बोर्ड की पांचवीं बैठक में एक करोड़ से अधिक की राशि से विकास कार्यों के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। इस बैठक में आठ महिला पार्षद अनुपस्थित रहीं। इसके बाद नौवीं बैठक में आठ करोड़ से अधिक की राशि विकास कार्यों के लिए स्वीकृत किए गए। उक्त बैठक से 10 महिला पार्षद अनुपस्थित रहीं। वहीं कुछ बैठकों में पार्षद प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया। ऐसे में चुनाव के साथ-साथ महिला प्रत्याशियों को खुद की जिम्मेदारी समझकर आगे आने की जरूरत है।

बोर्ड की हुई 29 बैठकें::

किशनगंज नगर परिषद के 34 वार्ड के लिए 2017 में चुनाव संपन्न हुए थे। इस चुनाव में 18 महिला प्रत्याशियों ने जीत दर्ज किया था। पूरे कार्यकाल के दौरान बोर्ड की 29 बैठकें आयोजित की गई। इनमें से नौ बैठकों में महिला पार्षदों की अनुपस्थिति लगभग 80 प्रतिशत रही। जबकि पांच बैठकों में 50 प्रतिशत ने हिस्सा नहीं लिया। इनमें से कई बैठकों में बजट अनुमोदन से लेकर विकास कार्यों की करोड़ों की स्वीकृति प्रदान की गई, लेकिन महिला पार्षदों की उपस्थिति पूरी नहीं रही।

तीन बैठक में अनुपस्थिति पर सदस्यता समाप्त का है प्रावधान::

नगर विकास एवं आवास विभाग के नियम के अनुसार कोई पार्षद अगर तीन बैठकों में शामिल नहीं होता तो वैसे पार्षदों की सदस्यता पर कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही उनकी उम्मीदवारी पर भी रोक लगाई जा सकती है। विभाग के आदेश के अनुसार प्रतिनिधियों के साथ ही पार्षदों को भी उपस्थित होना अनिवार्य है।

नियम के अनुसार महिला पार्षदों को भी बैठक में उपस्थित होना है। लगातार उपस्थित नहीं होने वाले ऐसे महिला पार्षदों की सदस्यता समाप्त करने का प्रावधान है। पूर्व में ऐसे कुछ पार्षदों को इस संबंध में नोटिस दिया गया था।
दीपक कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद, किशनगंज

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