विभिन्न योजनाओं के बावजूद स्वास्थ्य सुविधा जर्जर

संवाद सूत्र, कोचाधामन (किशनगंज) : सरकार के लाख दावे के बाद भी प्रखंड क्षेत्र में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर नहीं बदली। प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य सेवा बैशाखी के सहारे चल रहा है। खासकर उप स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा कर्मी व संसाधनों का घोर अभाव है। ऐसे में लोग प्राइवेट या क्वैक चिकित्सक से ही इलाज कराने को विवश हैं। प्रखंड के 24 पंचायतों के साढ़े तीन लाख से अधिक की आबादी के लिए एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। तथा 51 उप स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत तो हैं लेकिन अधिकांश केंद्र सुविधाविहीन है।


प्रखंड मुख्यालय कोचाधामन स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी व अन्य संसाधनों का घोर अभाव है। वहीं 51 केंद्रों में से 26 पुराने व 25 नए केंद्र शामिल हैं। जिसमें से 30 केंद्र ही किसी तरह संचालित है। अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र अलता, व हल्दीखोड़ा एवं कैरी बीरपुर को छोड़ कर किसी भी केंद्रों पर बिजली भी नहीं पहुंची है। ग्रामीण बबलू कुमार, भूनेश्वर कुमार, तनवीर आलम, अंसार आलम, मु. असलम इत्यादि का कहना है कि क्षेत्र में स्थापित उप स्वास्थ्य केंद्र खुद ही बीमार है। कोरोना काल में भी इन केंद्रों में तब्दीली नहीं आई।अधिकतर केंद्र सप्ताह के अधिकांश दिन बंद ही रहता है। अधिकांश केंद्र बदहाल स्थिति में है।
गांव के लोग बीमार पड़ने पर इलाज के लिए सीधे जिला मुख्यालय किशनगंज की ओर रुख करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार यदि ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर सुविधा उपलब्ध करें तो लोग अपनी छोटी मोटी बीमारी का इलाज यहां करा सकते हैं। इस संबंध में प्रखंड चिकित्सा प्रभारी डा. एनामुल हक ने बताया कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं पहले की अपेक्षा सुधर रही हैं। समस्या है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है।

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