उत्पाद के मुकदमों की सुनवाई में आएगी तेजी, एडीजे चार-पांच बने विशेष न्यायाधीश

संवाद सूत्र, मुंगेर : उत्पाद से जुड़े मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी। न्यायालय से ऐसे मुकदमों का बोझ धीरे-धीरे कम होगा। 14 जुलाई को हाईकोर्ट के महानिबंधक ने 55 एडीजे को उत्पाद के विशेष न्यायाधीश बनाने को लेकर सरकार को अनुशंसा भेजी थी। अनुशंसा पर सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के तहत मुंगेर सिविल कोर्ट में एडीजे-चार उदय प्रताप सिंह को उत्पाद का विशेष न्यायाधीश प्रथम और एडीजे-पांच अनुपम कुमारी को उत्पाद का विशेष न्यायाधीश द्धितीय बनाया गया है। दोनों एडीजे दरभंगा सिविल कोर्ट से स्थानांतरित होकर मुंगेर न्यायालय में एडीजे पद पर योगदान दिए हैं। एक जून से दोनों उत्पाद का न्यायालय प्रभार में चल रहा था।


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जनवरी से पूर्णरूपेण बना उत्पाद का दो विशेष कोर्ट
उत्पाद के अत्यधिक लंबित मुकदमों व बढ़ते मामलों का निष्पादन के लिए राज्य सरकार ने बीते 25 दिसंबर 2021 को अधिसूचना जारी कर प्रत्येक जिले के व्यवहार न्यायालय में चल रहे उत्पाद न्यायालय के आलावा एक अतिरिक्त उत्पाद का विशेष न्यायालय बना कर विशेष न्यायाधीश को नियुक्त किया था। पूर्व से बने उत्पाद न्यायालय को पूर्णरूपेण उत्पाद न्यायालय बनाया गया था। एडीजे-चार चंचल कुमार तिवारी को उत्पाद का विशेष न्यायाधीश बने। पहले से एडीजे-दो महेश कुमार उत्पाद के विशेष न्यायाधीश थे, लेकिन मामले का निष्पादन धीमी गति से चल रही थी।
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एक अप्रैल 2016 से सूबे में शराब बनाने, बेचने व सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध है। छह वर्षों में सिर्फ जिला में पुलिस, उत्पाद विभाग व रेलवे पुलिस की ओर से पांच हजार से ज्यादा मुकदमा दर्ज कराया गया है। 31 मार्च 2022 तक शराब बेचने के 21 मामले में उत्पाद के विशेष कोर्ट ने 33 आरोपितों को सजा सुनाई गई है।
शराब बरामदगी के चर्चित किसी भी मामले में कोर्ट ने अब तक फैसला नहीं सुनाया है।
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कोरोना का भी पड़ा असर
उत्पाद विशेष न्यायालय-प्रथम के स्पेशल पीपी संजय कुमार सिंह ने बताया कि सेशन कोर्ट रहने के कारण उत्पाद मामले में तेजी से निपटारा नहीं हो सका। दो वर्ष तक कोरोना का असर पड़ा। अब उत्पाद के दोनों विशेष कोर्ट मे तेजी से मामले का निपटारा होगा व शराब कारोबारी दंडित होंगे। उत्पाद विशेष न्यायालय द्धितीय के स्पेशल पीपी पीयूष कुमार ने कहा पांच अप्रैल 2022 को संशोधित उत्पाद अधिनियम के तहत शराब पीने के मामले में अधिकतम एक माह की सजा अथवा अधिकतम पांच हजार जुर्माना के बाद उत्पाद मामले में तेजी से निपटारा हो रहा है। 20 जुलाई 2022 तक उत्पाद के निष्पादित मामले की संख्या 176 है। पांच मामले में साक्ष्य के अभाव में आरोपित को रिहा किया गया। 171 मामलों में 150 शराब पीने से संबंधित है और 21 मामले शराब बेचने से जुड़ा है। अधिवक्ता रजनी कांत झा ने बताया कि अब उत्पाद के मामले में अब तेजी से निपटारा होगा।

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