पथ निर्माण विभाग में स्थानांतरण के साथ ही होती है प्रतिनियुक्ति

जासं, सहरसा: पथ निर्माण विभाग में सरकार के आदेश के विपरीत कर्मियों का स्थानांतरण व प्रतिनियुक्ति का मामला सामने आया है। सूचना अधिकार अधिनियम से मिली सूचना के बाद इसका खुलासा हुआ है।

जानकारी के अनुसार अधीक्षण अभियंता द्वारा सात वर्षों से अधिक कर्मचारियों को छोड़कर पांच वर्ष से जमे कुल 17 कर्मियों का स्थानांतरण 10 जून 2022 को किया गया। लेकिन एक माह के अंदर ही चार कर्मियों को पूर्व पदस्थापित स्थान पर प्रतिनियुक्त कर दिया गया। जबकि विभागीय प्रावधान के अनुसार किसी कर्मी का स्थानांतरण होने पर उसे विरमित कर प्रभार मुक्त करते हुए नये स्थान पर कार्यभार सौंपा जाता है। कम से कम छह माह के उपरांत ही कार्यहित ही नये स्थान पर प्रतिनियुक्त किया जाना है। लेकिन नियम को ताक पर रखकर कर्मियों का स्थानांतरण व प्रतिनियोजन किया जा रहा है।

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इन कर्मियों की हुई प्रतिनियुक्ति
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अधीक्षक अभियंता द्वारा 10 जून को जारी आदेश के अनुसार पथ प्रमंडल सुपौल में पदस्थापित वरीय लिपिक संतोष कुमार को पथ प्रमंडल सहरसा, पथ प्रमंडल सहरसा के निम्न वर्गीय लिपिक को दोनों पैर से दिव्यांग रहने के कारण उनकी परिस्थिति व अनुरोध पर पथ प्रमंडल सुपौल, लिपिक ब्रजेश कुमार सिंह को पथ प्रमंडल सहायक, उच्च वर्गीय लिपिक पुष्कर राज को पथ प्रमंडल खगड़िया से पथ अंचल सहरसा समेत 17 कर्मियों का स्थानांतरण किया गया। लेकिन एक माह के अंदर ही स्थानांतरित कर्मी पंकज कुमार, संतोष कुमार एवं ब्रजेश कुमार कुमार सिंह को फिर से स्थानांतरित स्थान पर ही कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल के अनुरोध पर प्रतिनियुक्त कर दिया गया।
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मंत्री से की गई शिकायत
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पथ निर्माण मंत्री को भेजे गये शिकायत में कहा गया है कि पथ निर्माण विभाग पथ अंचल सहरसा के द्वारा पांच वर्षों से एक ही स्थान पर जमे 17 कर्मियों का तबादला किया गया। लेकिन सात वर्ष से जमे कुछ कर्मियों का तबादला नहीं किया गया। तबादला के एक माह के अंदर ही तीन स्थानांतरित कर्मियों को फिर से उसी स्थान पर प्रतिनियुक्त कर दिया गया।
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