विशेष अभियान में बंदियों को गंभीर रोग से बचाव को ले किया गया जागरूक



विशेष अभियान में बंदियों को गंभीर रोग से बचाव को ले किया गया जागरूक
- टीबी व एचआईवी जांच के लिए लिया गया सैंपल
- साफ सफाई के प्रति किया गया प्रेरित
जागरण संवाददाता, अररिया : विशेष अभियान चलाकर शुक्रवार को मंडल कारा अररिया में कैदियों को बीमारी से बचाव को लेकर जागरूक किया गया। चिकित्सकों ने बीमार ग्रस्त रोगियों का ब्लड सैंपल लिया और लेब में जांच के लिए भेज दिया गया।
कारा अधीक्षक के नेतृत्व में मंडल कारा के चिकित्सक डा. नीरज कुमार सिंह की देखरेख में अभियान का संचालन हुआ था। बंदियों को साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित किया गया।

टीबी है एक गंभीर रोग : चिकित्सक डा. नीरज कुमर सिंह ने कहा कि ट्यूबरक्यूलोसिस नामक बैक्टीरिया से होने वाला टीबी एक गंभीर संक्रामक रोग है। जो शरीर के किसी अंग को प्रभावित कर सकता है। फेफड़ो में होने वाला टीबी सबसे आम है। टीबी के जीवाणु खांसी, छींक सहित अन्य माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। उन्होंने कहा कि जिले में टीबी रोगियों की जांच व इलाज के समुचित इंतजाम हैं। नहीं बरतें लापरवाही : बताया कि बीमारी के लक्षण सामने आने पर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर शर्मा ने कहा कि कुछ सामान्य लक्षणों के आधार पर टीबी रोग की पहचान संभव है। रोग से संबंधित किसी तरह का लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच कराना चाहिए। सदर अस्पताल से लेकर ग्रामीण इलाकों में अवस्थित हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर निश्शुल्क टीबी की जांच व इलाज की व्यवस्था है। नोटिफाइड टीबी के मरीजों को इलाज जारी रहने तक प्रति माह निक्षय पोषण योजना के तहत सरकारी स्तर पर पांच सौ रुपये प्रति माह देने का भी प्रावधान है। मौके पर एसटीएस पिकू कुमार शर्मा, एमडब्ल्यूए उद्यानंद पंडित, सुरेश पासवान, कुंदन कुमार, दिनदयाल मंडल आदि मौजूद थे।
-कैसे करेंगे टीबी रोग की पहचान :
दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी आना, रात में सोने पर बुखार आना,
बलगम में खून आना, वजन कम होना, रात में सोते समय पसीना आना, थकावट महसूस होना, लगातार वजन कम होना आदि प्रमुख लक्षण हैं।

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