सदर अस्पताल में व्यवस्था हुई बेपटरी

फोटो 30 जमुई-9

-इलाज कराने के लिए घंटों डाक्टर का करना पड़ रहा इंतजार
- पोस्टमार्टम कराने के लिए करनी पड़ती है मशक्कत
-आपातकालीन कक्ष की डयूटी से भी गायब रहते हैं चिकित्सक
-स्वजनों के हंगामा करने पर आते हैं डाक्टर
संवाद सहयोगी, जमुई : जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सदर अस्पताल में इन दिनों रोगियों को राहत नहीं बल्कि व्यवस्था का दर्द मिल रहा है। बात सिर्फ यही नहीं रुकती उम्मीद लेकर सरकारी अस्पताल आने वाले गरीबों को कर्मी और चिकित्सकों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है। खासकर पिछले दो महीनों से अस्पताल की व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। यहां इलाज कराने से लेकर पोस्टमार्टम तक के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार पोस्टमार्टम के लिए हंगामा और सड़क जाम तक करना पड़ रहा है। रोगियों को डाक्टर के आने का घंटों इंतजार करना पड़ता है। कई बार स्वजनों द्वारा हंगामा करने के बाद इलाज हो पाता है।

-------
छह घंटे तक इमरजेंसी कक्ष रहा डाक्टर विहीन
शनिवार के दिन के आठ बजे से दोपहर दो बजे तक यानि छह घंटा आपातकालीन सेवा डाक्टर विहीन रहा। दोपहर दो बजे डा. धीरेंद्र ने ड्यूटी संभाली है। इसके पहले आपात स्थिति में पहुंचे रोगी बिना इलाज कराए अन्यत्र जगह चले गए थे।
--------------------
नेत्र चिकित्सक ने संभाली सामान्य ओपीडी
डयूटी से गायब रहने के कारण शनिवार को सामान्य ओपीडी सेवा भी प्रभावित थी। रोगी चिकित्सक के आने के इंतजार में लाइन में खड़े रहे। शिकायत करने के बाद दिन के लगभग 11 बजे नेत्र चिकित्सक ने ओपीडी की कमान संभाली। नेत्र चिकित्सक ने सामान्य रोगियों को इलाज किया।
-----------------
हंगामा के बाद सिविल सर्जन ने किया इलाज
शुक्रवार की रात रोगियों के स्वजन के हंगामे के बाद सिविल सर्जन ने खुद रोगियों का इलाज किया। दरअसल खैरा प्रखंड के जोगाझिगोई गांव से डायरिया से पीड़ित एक ही परिवार के पांच सदस्यों को शुक्रवार की देर शाम अस्पताल पहुंचे। देर रात तक अस्पताल में एक भी डाक्टर उपलब्ध नहीं होने से ग्रामीण एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक भागते रहे। इसके बाद में आक्रोशित ग्रामीणों ने हंगामा किया। आधी रात को स्वजन सिविल सर्जन के आवास पर पहुंच गए। इसके बाद सिविल सर्जन ने खुद सभी रोगियों का इलाज किया। स्वजनों ने आरोप लगाया कि चार घंटे से अस्पताल परिसर के किसी भी वार्ड में डाक्टर नहीं है। इधर सिविल सर्जन ने कहा कि रात में डाक्टर नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति बनी।
----
व्यवस्था पर भारी पड़ रही कुव्यवस्था
-19 जुलाई : सदर अस्पताल में वाहन पर पांच घंटे तक शव पड़ा रहा। ड्यूटी से चिकित्सक गायब थे। पोस्टमार्टम नहीं हो रहा था। कुआं में डूबने से एक महिला समेत चार की मौत हुई थी।
------
22 जुलाई : कैयार गांव के स्व. अजय सिंह के पुत्र छोटू सिंह की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। शव सुबह दस बजे से पोस्टमार्टम के लिए रखा रहा, लेकिन इस दौरान डाक्टर इमरजेंसी ड्यूटी से गायब थे। बाद में स्वजनों ने शव के साथ स्वजन सड़क जाम कर दिया था।
-----
29 जुलाई : नदी में डूबकर 14 वर्षीय आरिफ की मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम करने में विलंब होने पर आक्रोशित स्वजनों ने अस्पताल के मुख्य द्वार के समीप सड़क जाम कर दिया था। साथ ही ड्यूटी से डाक्टर के गायब रहने का आरोप लगाया। 40 मिनट तक शव को रखकर स्वजनों ने हंगामा किया।
--------------------
कोट
रोस्टर के अनुसार डाक्टर ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। अभी दो दिन पूर्व दो डाक्टर पर करवाई भी की गई है। बावजूद कार्यशैली में सुधार नहीं आया है। अस्पताल के उपाधीक्षक इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लेते हैं।जिसके कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है। जल्द की अस्पताल की व्यवस्था को ठीक किया जाएगा और लापरवाह डाक्टर पर करवाई की जाएगी।
डा. अजय भारती, सिविल सर्जन जमुई
---------------------
कोट
इस समस्या के निदान के लिए विचार किया जा रहा है। साथ ही वरीय पदाधिकारियों को भी सूचित किया गया है।
रमेश कुमार पांडेय, अस्पताल प्रबंधक, सदर

अन्य समाचार