पहले थी विद्यालय को भवन की दरकार, अब मसीहा का इंतजार

संवाद सूत्र, चौथम (खगड़िया): छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे प्राप्त हो इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। मध्याह्न भोजन, छात्रवृत्ति व पोशाक योजना से कुछ हद तक तस्वीर बदली है। वर्षों पूर्व जहां जीर्ण-शीर्ण भवन में विद्यालयों का संचालन किया जाता था वहां अब आलीशान भवन बन गए हैं। लेकिन चौथम में प्रधानाध्यापक की उदासीनता की वजह से लाखों रुपये की लागत से तैयार प्लस टू भवन को आज भी किसी मसीहा का इंतजार है। शिवाधीन महावीर इंटर विद्यालय चौथम में छह-सात साल बीतने के बाद भी तैयार भवन में आज तक प्लस टू की पढ़ाई नहीं शुरू हो सकी है। जबकि स्थानीय स्तर से लेकर पदाधिकारियों ने भी इस भवन में पठन-पाठन शुरू करने को लेकर प्रधानाध्यापक से बात की। परंतु नतीजा ढाक का तीन पात निकला। वैसे सूत्र की माने तो उक्त विद्यालय में आजतक प्लस टू की पढ़ाई ही शुरू नहीं हो सकी है। यहां सिर्फ छात्र-छात्राओं का नामांकन ही लिया जाता है। उसके बाद जांच परीक्षा व फार्म भरने के लिए ही छात्र-छात्रा विद्यालय आते हैं। लोगों का कहना है कि प्लस टू भवन का उपयोग सिर्फ सरकारी कार्य या फिर बारातियों के ठहरने के लिए ही किया जाता है। विभाग के वरीय पदाधिकारी भी कई बार विद्यालय का निरीक्षण कर चुके हैं। लेकिन प्लस टू भवन की ओर किन्हीं की नजर ही नहीं जा रही है। यह आलीशान भवन बेकार साबित हो रहा है। देखरेख के अभाव में खिड़की व दरबाजे टूटने लगे हैं।



कई बार प्लस टू भवन की साफ-सफाई की गई। शिक्षक उक्त भवन में जाना ही नहीं चाहते हैं। जिसके कारण भवन उपेक्षित हो रहा है। अभी नौवीं कक्षा की परीक्षा उक्त भवन में ही ली जा रही है।
जय कुमार यादव, प्रधानाध्यापक, शिवाधीन महावीर इंटर विद्यालय, चौथम

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