दृढ़ संकल्प के बल दुनिया में अग्रणी बन रहा है भारत: आलोक रंजन

संस, सहरसा : शनिवार को एमएलटी कालेज के ललित नारायण मनोविनोदशाला में आजादी के अमृत महोत्सव पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार शुरू हुआ। बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री डा.आलोक रंजन, प्रति कुलपति प्रो डा.आभा सिंह, डीन डा.राजकुमार सिंह, डा.उषा सिन्हा, प्रधानाचार्य डा. देवानंद झा, त्रिभुवन विश्वविद्यालय नेपाल के डा.एपी यादव, जन शिक्षण संस्थान गया के डा.नरेश झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। संबोधित करते हुए मंत्री डा. आलोक रंजन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश के कोने- कोने में आजादी का अमृत महोत्सव पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अंतराष्ट्रीय ²ष्टि से देश को उन्नत राष्ट्र की परिकल्पना की है। हमारी आने वाली पीढ़ी इससे प्रेरणा लेगी। उन्होंने कहा विश्वफलक पर आज भारत माता का जय- जयकार हो रहा है। कहा कि आज भारत दुनिया के देशों को अन्न के साथ साथ रक्षा सामग्री का भी निर्यात कर रहा है। इसरो के लगातार सफलता से नासा भी अचंभित है।


कुलपति प्रो. डा.आरकेपी रमन ने आनलाइन कालेज में नवनिर्मित बैंक भवन का भी उद्घाटन किया गया। आनलाइन संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का बहुत बड़ा योगदान है। कोसी क्षेत्र के भी बहुत से लोगों ने स्वतंत्र संग्राम में भाग लिया था। आजादी का अमृत महोत्सव देश के शहीदों को श्रद्धांजलि के क्रम में महत्वपूर्ण कड़ी है। प्रति कुलपति डा. आभा सिंह ने कहा आजादी के बाद नई शिक्षा नीति पर देश में बढ़ चढ़कर चर्चा हो रही है। शंकराचार्य द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में चार मठों की स्थापना की गई थी, जो देश की भौगोलिक स्थिति को दर्शाता है। कहा कि समाज सुधारकों ने देश की उन्नति के लिए सतत प्रयास किया। डीन डा.राजकुमार सिंह ने कहा हम कहां से चले थे आज कहां पहुंचे हैं और आगे कहां तक जाएंगे यह हम सबको तय करना होगा। डीन डा. उषा सिन्हा ने कहा आजादी के अमृत महोत्सव के उद्देश्य पर हमें विचार करना होगा। हमारा देश दो सौ वर्षों तक अंग्रेजों का गुलाम रहा था। युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। त्रिभुवन विश्वविद्यालय नेपाल के डा. एपी यादव ने कहा नेपाल और भारत का सांस्कृतिक और सामाजिक संबंध बहुत पुराना है। दोनों देशों की संस्कृति और सामाजिकता में बहुत कुछ समानता है। कार्यक्रम का शुभारंभ डा. गिरधर श्रीवास्तव पुटीश एवं रूपम सिन्हा के द्वारा स्वागत गान से किया गया। दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार से संबंधित पुस्तक का विमोचन किया गया। मौके पर डा. भवानन्द झा, सीसीडीसी डा. इम्तियाज अंजुम, प्रधानाचार्य डा.अशोक कुमार सिंह, डा.अरुण कुमार खां, डा.नवीन कुमार सिंह, अमरेंद्र कुमार त्रिवेदी, वेद प्रकाश झा, डा.सीपीसिंह, डा.डीएनसिंह, डा. विनय कुमार चौधरी, डा. रंजीत सिंह, डा. अंजना पाठक, डा. आनंद नाथ झा, डा. सत्येंद्र सिंह, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ अध्यक्ष डा.सुभाष प्रसाद सिंह, श्यामा कांत झा, डा. मयंक भार्गव, डा. अभिषेक नाथ, डा.विवेक कुमार, डा.संजीव कुमार झा, डा.सुमन कुमार आदि मौजूद रहे।

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