शहर में चल रहे खून के काले कारोबार का भंडाफोड़, तीन को पुलिस ने किया गिरफ्तार

संवाद सहयोगी, किशनगंज : शहर में खून के काले कारोबार का पुलिस ने शुक्रवार को भंडाफोड़ किया। मामले का उद्भेदन होने के बाद शहर में लोग सकते में आ गए। पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आई है कि इस काले धंधे में बकायदा संगठित गिरोह काम कर रहा है। खून का सौदा करने वाले माफिया के निशाने पर नशेड़ियों के साथ गरीब और भोले-भाले लोग होते थे। उन्हें चंद रुपयों का लालच देकर उनके शरीर से खून निकाला जाता था। फिर निजी व अवैध नर्सिंग होम में जिंदगी-मौत से जूझ रहे जरूरतमंद मरीजों से जान बचाने के नाम पर सौदेबाजी कर मुंहमांगी कीमत वसूली जाती थी। लाल खून के इस काले कारोबार में शामिल तीन खून माफियाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।


एसपी डा. इनामुल हक मेंगनू के निर्देश पर शुक्रवार की रात टाउन थाने की पुलिस व एसआटी ने कारवाई की। एसपी के निर्देश पर एसआइटी ने खून के कारोबार करने वाले तीन धंधेबाजो को धर दबोचा है। स्पेशल टीम बीते तीन दिनों से इन धंधेबाजों के पीछे लगी हुई थी। जिसके बाद शुक्रवार की देर रात शहर के उत्तरपाल्ली स्थित बेथल मिशन स्कूल के समीप से खून के मुख्य सरगना बाबर को हिरासत में लिया गया और उसके निशानदेही पर पश्चिम पल्ली एसबीआइ के निकट से रुस्तम नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीसरे युवक की गिरफ्तारी चूड़ी पट्टी से हुई है। गिरफ्तार तीनों खून के अवैध कारोबारी इसके लिए नशेड़ियों को अपना निशाना बनाते थे। नशे के शिकार युवक नशीला पदार्थ खरीद व पैसे के लिए अपने खून का सौदा इनके साथ करते थे। अवैध धंधेबाज गरीब व मजबूर लोगों को कुछ पैसे का लालच देकर उनके शरीर से भी खून निकालते थे। इसका काला कारोबार अवैध नर्सिंग होम वालों तक के बीच होता था। नर्सिंग होम तक इलाज कराने आने वालों को मोटी रकम में यह खून बेचा जाता था। इस काले कारोबार का जाल पड़ोसी राज्य व नेपाल तक फैले होने की सूचना है। नशेड़ियों को कुछ पैसे देकर मोटी कमाई करते थे कारोबारी:

जानकारी के मुताबिक नशेड़ियों को 250 एमएल ब्लड के बदले 500 से एक हजार रुपये दिया जाता था। वहीं उसी खून को ये शातिर धंधेबाज 25 से 30 हजार में बेचते थे। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इनका नेटवर्क बंगाल, नेपाल और बंगलादेश तक फैला हुआ था। पुलिस की चोरी की बढ़ती घटनाओं को देख पुलिस ने कई नशेड़ीयों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लगातार दबिश के कारण पैसे की किल्लत व नशे की आदत ने खून के इस काले कारोबार को फलने फुलने का मौका दिया। जो शहर में कुछ समय में ही बड़ा काला धंधा बन गया है। कई आरोपियों के नामों का हुआ खुलासा:::

गिरफ्तार मुख्य आरोपित चुड़ी पट्टी का बाबर, रुस्तम लोहार पट्टी कर्बला व चुड़ी पट्टी का शहबाज आलम हैैं। वहीं गिरफ्तार खून तस्करों से पूछताछ में लाल खून के काले खेल में शामिल आधे दर्जन लोगों का नाम बताया है। खून के खेल में शामिल कई नर्सिंग होम व पैथोलाजी लैब के नाम का भी खुलासा किया है। जो सीधे तौर पर खून की खरीददारी से जुड़े हुए थे।

अन्य समाचार