इंद्रदेव मेहरबान, किसानों के चेहरे पर लौटी रौनक

निर्भय, जागरण संवाददाता, खगड़िया : मक्का के बाद खगड़िया में मुख्य रूप से धान की खेती होती है। लेकिन 31 जुलाई तक मात्र 50 प्रतिशत धान का अच्छादन हुआ है। वर्षा की बात करें, तो औसत से 70.42 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। जुलाई बीत चुका है। किसान त्राहिमाम कर रहे हैं। कृषि विभाग की ओर से इस सीजन में 37 हजार पांच सौ एकड़ में धान की रोपनी का लक्ष्य था। जो अब दूर की बात लग रही है। लेकिन अगस्त का प्रथम सप्ताह किसानों के लिए सुकून भरा होगा। संकेत 31 जुलाई को ही मिल गया। 31 जुलाई को रूक-रूक कर वर्षा हो रही है। आज से तीन दिनों तक वर्षा का पूर्वानुमान

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खगड़िया कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी जितेंद्र कुमार ने कहा कि एक से तीन अगस्त तक रोज वर्षा की संभावना है। एक अगस्त को 21.50, दो अगस्त को 9.50 और तीन अगस्त को 26 मिलीमीटर वर्षा का पूर्वानुमान है। यह वर्षा खेतों की नमी बढ़ाएगी। धान के बिचड़ा को जलने से बचाएगी। इतना ही नहीं पूर्व में लगाए गए धान के पौधों का अंकुरण होगा। खेतों में जो धान के पौधे लगे हैं, उसे अब बढ़ने का अवसर मिलेगा। जितेंद्र कुमार ने कहा है कि एक से तीन अगस्त तक किसान पंपसेट से सिचाई नहीं करें, क्योंकि मेघ बरसने वाला है। कम अवधि में तैयार होने वाले धान के प्रभेद की करें रोपनी

कृषि विज्ञानी एनके सिंह ने कहा कि अगर मौसम पूर्वानुमान के अनुसार एक से तीन अगस्त तक निर्धारित मात्रा में वर्षा होती है, तो यह धान समेत अन्य फसलों के लिए जीवन रक्षक होगा। धान की रोपनी का आदर्श समय तो 30 जुलाई तक ही है। लेकिन अभी किसान 80-90 दिनों में तैयार होने वाले धान की किस्म तुरंता, सुहागी और 107 दिनों की सी-310 की रोपनी कर सकते हैं।

लक्ष्य के विरुद्ध 50 प्रतिशत तक धान का अच्छादन हुआ है। सर्वाधिक बेलदौर प्रखंड में 80 प्रतिशत और सबसे कम खगड़िया प्रखंड में 30 प्रतिशत रोपनी हुई है। 15 अगस्त तक कम समय में तैयार होने वाले धान के प्रभेद की किसान भाई रोपनी कर सकते हैं।
शैलेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, खगड़िया

अभी किसान धान की रोपनी ट्राइकोडरमा अथवा बीएसबी(जैविक खाद) डालकर करें। इसमें सूखा प्रतिरोधी क्षमता है। किसान को रोपनी के बाद हल्की सिचाई से भी फायदा मिल सकता है।
श्यामनंदन कुमार, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण, खगड़िया

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