सिद्धांतहीनता की राजनीति बनती जा रही है संस्कृति

संस, सहरसा: एमएलटी कालेज में आजादी के अमृत महोत्सव पर इंडिया एट द रेट 75 कल्चर, हिस्ट्री एंड पालिटिक्स विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में दूसरे दिन रविवार को भी विद्वानों ने अपने विचार रखे। जिसमें सिद्धांतहीनता की राजनीति हमारी संस्कृति बनने पर चर्चा की गई।

दो दिवसीय सेमिनार के दूसरे दिन बिहार के अलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हैदराबाद व महाराष्ट्र आदि राज्यों के लगभग प्रतिभागियों ने आनलाइन पेपर प्रस्तुत किया। दूसरे के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए बनारस हिदू विश्वविद्यालय के इतिहास के पूर्व विभागाध्यक्ष केशव मिश्रा ने आनलाइन माध्यम से कहा स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही भारत की कुटनीति अच्छी रही है। उन्होंने कहा महात्मा गांधी ने कहा था हमें शांति चाहिए। कुटनीति में हर राष्ट्र अपना पक्ष देखता है। 1954 में पंचशील का समझौता हुआ था। जिसमें भारत और चीन सहित अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्ष बेहतर विश्व की परिकल्पना की थी। उन्होंने कहा 1967 में पहली बार शिखर वार्ता हुई थी। 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में पाकिस्तान को भारत से मुंह की खानी पड़ी थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पड़ोसी से अच्छे मित्र की हमेशा वकालत करते थे। उन्होंने कहा हम जितना आक्रामक होंगे उतना ही आगे बढ़ेंगे। अपनी कूटनीति के साथ- साथ आने वाले भविष्य के लिए शिक्षा के प्रति ज्यादा जागरूक होना जरूरी है। जन शिक्षण संस्थान गया के भूतपूर्व निदेशक डा.नरेश झा ने कहा अनेक उपलब्धियों के बावजूद भी हमें देश के लिए और भी बहुत कुछ करना बाकी है। 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी हमारा देश अनेक क्षेत्रों में आज भी पीछे है। आज भी देश में आंतरिक विकास की कमी है। आज सिद्धांतहीनता की राजनीति हमारी संस्कृति बनती जा रही है। अभ्यर्थी और रोजगार में आज काफी असमानताएं हैं। राज्यों को अपने नागरिकों की जीविका के बारे में जिम्मेवार होनी चाहिए। पटना विश्वविद्यालय के पूर्व हिदी विभागाध्यक्ष बलराम तिवारी ने कहा विदेश नीति वही अच्छी होती है, जो अपने देश के हित में है। कहा कि हमारा लोकतंत्र मजबूत हो रहा है। देश के सर्वोच्च पद पर आदिवासी महिला का चुना जाना देश के लिए गौरव की बात है। देश में सामाजिक एकता और बहुमुखी विकास होनी चाहिए। हृदय की एकता में भाषा बाधक नहीं होती। हरित क्रांति और श्वेत क्रांति से देश को आत्मनिर्भर बनाने में भरपूर सहायता मिलती है। देश में लाभकारी योजनाओं से गरीब जनता को सफल बनाया जा सकता है। आनलाइन सेशन की अध्यक्षता डा.विवेक कुमार, डा.मयंक भार्गव, डा.संजीव कुमार झा, डा.अभिषेक नाथ, डा.सुमन कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक डा.शिशिर कुमार मिश्र व सुनील चंद्र मिश्रा के द्वारा किया गया कार्यक्रम में डीन डा.राजकुमार सिंह, प्रधानाचार्य डा.देवानंद झा, डा.सीपीसिंह, डा.बलराम तिवारी, डा.नरेश झा, डा.विपिन कुमार सिंह, डा. सिद्धेश्वर कश्यप, डा.लाला प्रवीण सिन्हा, डा.सऊद आलम, डा.दीपक गुप्ता, प्रो.परमेश्वर साह, डा.अजय कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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